RAJASTHAN

महंगा पड़ेगा विदेशी नागरिकों की सूचना नहीं देना

राजस्थान पुलिस

उदयपुर, 11 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भारत सरकार द्वारा विदेशी नागरिकों के लिए इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट ऑर्डर एवं नियम-2025 अधिसूचित कर 1 सितम्बर से लागू कर दिए गए हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत विदेशी नागरिकों के संबंध में समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर संबंधित संस्था अथवा व्यक्ति के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सीआईडी (विशेष शाखा) जोन उदयपुर एवं विदेशी पंजीकरण अधिकारी डॉ. विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि अधिनियम के अंतर्गत होटल, रिसॉर्ट, गेस्ट हाउस, हॉस्टल, होम स्टे अथवा निजी आवास, शैक्षणिक संस्थान तथा अस्पताल-नर्सिंग होम में ठहरने या निवास करने वाले विदेशी नागरिकों की सूचना देना अनिवार्य है। होटल, गेस्ट हाउस या निजी आवास संचालकों को यह सूचना 24 घंटे के भीतर निर्धारित कार्यालय में उपलब्ध करानी होगी। ऐसा नहीं करने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना अधिनियम की धारा-08 एवं नियम-17 में निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार किसी शैक्षणिक संस्थान में अध्ययनरत विदेशी छात्रों की जानकारी समय पर उपलब्ध न कराने पर धारा-09 एवं नियम-16 के अंतर्गत एक लाख रुपये तक का दंड लगाया जा सकता है। चिकित्सा संस्थानों में उपचाररत विदेशी नागरिकों की सूचना छिपाने पर धारा-10 एवं नियम-18 के अनुसार एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

विदेशी नागरिकों के आचरण संबंधी प्रावधानों में भी कठोर दंड का प्रावधान किया गया है। यदि कोई विदेशी नागरिक बिना पासपोर्ट अथवा वैध दस्तावेज़ के भारत में प्रवेश करता है, तो धारा-21 के तहत पाँच वर्ष की सजा अथवा पाँच लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। वीजा समाप्त हो जाने के बाद भारत में रुकने पर धारा-23 के अनुसार तीन वर्ष की सजा अथवा तीन लाख रुपये तक का दंड या दोनों हो सकते हैं। पर्यटक वीजा का दुरुपयोग कर अन्य गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। रोजगार वीजा को छोड़कर अन्य वीजा पर कार्य करने पर तीन लाख रुपये तक का दंड निर्धारित है। इसी प्रकार, बिना अनुमति धार्मिक, पत्रकारिता अथवा मिशनरी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि कोई विदेशी नागरिक प्रतिबंधित अथवा संरक्षित क्षेत्र में बिना अनुमति प्रवेश करता है तो उस पर 50 हजार से तीन लाख रुपये तक का दंड लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, विदेशी पंजीकरण कार्यालय में पंजीकरण न कराने अथवा लगातार निवास करने पर दस हजार से तीन लाख रुपये तक की पेनल्टी हो सकती है। विदेशी छात्र यदि ओवरस्टे कर अध्ययनरत पाए जाते हैं तो उन पर भी इसी सीमा में पेनल्टी लगाई जा सकेगी।

डॉ. सिंह ने बताया कि इस संबंध में अधिक जानकारी हेतु जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर स्थित कक्ष संख्या 310 में संचालित एएसपी, सीआईडी (विशेष शाखा) जोन उदयपुर तथा विदेशी पंजीकरण अधिकारी के कार्यालय से किसी भी कार्यदिवस में संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने सभी संबंधितों से अपेक्षा की कि वे अधिनियम की पूर्ण पालना करें। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने की स्थिति में दोषियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / सुनीता

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