बुसरा अल-हरीर (सीरिया), 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । इजराइल की सेना ने सोमवार को दक्षिणी सीरिया में स्थित सैन्य टैंकों पर हवाई हमला किया। यह इलाका वर्तमान में सीरियाई सरकारी बलों और ड्रूज मिलिशियाओं के बीच जारी तीव्र झड़पों का केंद्र बना हुआ है, जिसमें काफी संख्या में लोगों की जान गई है।
सीरिया के स्वैदा प्रांत में ड्रूज और सुन्नी बेदुइन जनजातियों के बीच छिड़े इस संघर्ष में अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत और लगभग 100 से अधिक घायल हो चुके हैं। इसकी पुष्टि सीरिया के गृह मंत्रालय ने की है। वहीं, यूके-आधारित निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, मरने वालों की संख्या 89 है, जिनमें दो बच्चे, दो महिलाएं और 14 सुरक्षा बलों के जवान शामिल हैं।
ऑब्जर्वेटरी का कहना है कि यह हिंसा उस समय शुरू हुई जब एक ड्रूज सब्ज़ी विक्रेता को लूटने और अगवा करने की घटना सामने आई। इसके बाद दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के लोगों का अपहरण किया जाने लगा, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नूरुद्दीन अल-बाबा ने बताया कि सोमवार को सरकार ने क्षेत्र में सुरक्षाबलों को भेजा ताकि कानून-व्यवस्था बहाल की जा सके, लेकिन उन्हें कई अवैध सशस्त्र समूहों से संघर्ष करना पड़ा।
प्रवक्ता ने सरकारी टेलीविजन अल-इखबरिया से बातचीत में कहा, हमारी सेनाएं पूरी कोशिश कर रही हैं कि किसी भी नागरिक को नुकसान न पहुंचे, लेकिन स्थिति बहुत नाजुक है।
सरकार ने हालात को “खतरनाक” करार दिया है और कहा है कि क्षेत्र में प्रशासनिक संस्थाओं की गैर मौजूदगी ने अराजकता को और बढ़ा दिया है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र की सीरिया के लिए उप विशेष दूत नजात रोचदी ने भी क्षेत्र में बढ़ती हिंसा को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने सभी पक्षों से अपील की है कि वे तत्काल नागरिकों की सुरक्षा के उपाय करें, तनाव कम करें और उकसावे से बचें।
यूएन दूत ने कहा, “यह हिंसा इस बात की तीव्र आवश्यकता को दर्शाती है कि सीरिया में एक विश्वसनीय और समावेशी राजनीतिक परिवर्तन के लिए आपसी विश्वास और संवाद को प्राथमिकता दी जाए।”
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
