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एनएसबी बीपीओ से आईपीओ निवेशक हुए निराश, मजबूत होने के बाद लुढ़के शेयर

मजबूती हासिल करने के बाद लुढ़के एनएसबी बीपीओ के शेयर

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । कस्टमर केयर, केवाईसी फॉर्म प्रोसेसिंग, आर्काइवल, डॉक्यूमेंट डिजिटाइजेशन, टेलीसेल्स, टेली-कलेक्शंस और पेरोल मैनेजमेंट जैसी सपोर्ट सर्विसेज देने वाली कंपनी एनएसबी बीपीओ सॉल्यूशंस ने आज स्टॉक मार्केट में कारोबार के पहले दिन ही अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 121 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे।

आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग सिर्फ 0.37 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 121.45 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद लिवाली के सपोर्ट से इंट्रा-डे में शेयर 127.50 रुपये के स्तर तक चढ़े, लेकिन इसके बाद बिकवाली का शिकार हो गए। पूरे दिन के कारोबार के बाद कंपनी के शेयर 121.15 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस पहले दिन के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को सिर्फ 0.12 प्रतिशत का मुनाफा हो सका।

एनएसबी बीपीओ सॉल्यूशंस का 74.20 करोड़ रुपये का आईपीओ 23 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से काफी कमजोर रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 0.76 गुना ही सब्सक्राइब हो सका था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 25.49 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 0.79 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन सिर्फ 0.21 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 53 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने नए प्रोजेक्ट के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर करने, पुराने कर्ज के बोझ को कम करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 2.21 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 6.73 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 11.05 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 8 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 138.54 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज लगातार कम होता गया। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 41.07 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में कम होकर 27.72 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 23.56 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 102.20 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में घट कर 93.99 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 124.85 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक

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