
-पाँच दिवसीय प्रान्तीय पंचपदी कार्यशाला
प्रयागराज, 26 जून (Udaipur Kiran) । विद्या भारती काशी प्रांत द्वारा आयोजित पांच दिवसीय प्रांतीय पंचपदी अधिगम पद्धति कार्यशाला के द्वितीय दिवस मुख्य अतिथि प्रदेश निरीक्षक शेषधर द्विवेदी ने कार्यशाला में आये आचार्यों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा शिक्षक अपनी कक्षा में शिक्षण से अतिरिक्त गतिविधियों जैसे वाद विवाद, साक्षात्कार आदि के द्वारा शिक्षक भैया-बहनों की भाषा शैली को मजबूत कर उनके गुणों का विकास कर सकते हैं।कक्षा शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए कक्षा में प्रवेश करने पर ब्रह्मनाद, भ्रामरी आदि का प्रयोग कर सकते हैं। जिससे भैया बहनोंं का ध्यान विषय पर केन्द्रित हो सके। उन्होंने कहा आज की यह नवीन पाठ योजना निर्माण शैली पुरानी शैली से भिन्न है। अपनी पाठ योजना को प्रभावी बनाने के लिए हमें एनसीईआरटी की पुस्तक ’’सीखने के प्रतिफल’’ में वर्णित प्रोसेस (प्रक्रिया) और आउटकम (प्रतिफल) का अध्ययन ध्यानपूर्वक करना होगा।
विद्या भारती काशी प्रान्त के प्रचार प्रमुख विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने बताया कि इसके उपरांत सभी प्रशिक्षु आचार्य बन्धु भगिनी को विषयशः विभाजित कर अलग-अलग कक्षों में भेज दिया गया, जहां उस विषय के प्रशिक्षक ने विषय की पाठ योजना निर्माण की बारीकियों को सभी को समझाया और उसके साथ ही आ रहीं त्रुटियों को किस प्रकार दूर किया जाय, इस पर भी चर्चा की। पाठ योजना निर्माण की बारीकियों को समझने के पश्चात् सभी प्रशिक्षु आचार्य बन्धु भगिनी पाठ योजना निर्माण के कार्य में संलग्न हो गये। पाठ योजना निर्माण के पश्चात् विषय विशेषज्ञों की देखरेख में प्रशिक्षु बन्धु भगिनी द्वारा पंचपदी अधिगम पद्धति पर आधारित मॉडल टीचिंग के माध्यम से विषय का प्रतिपादन किया गया। इस दौरान सम्भाग निरीक्षक गोपालजी तिवारी, सुमन्त पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
