
नई दिल्ली, 25 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अमेरिकी नागरिकों को ठगने के लिए भारत से चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के नाम जिगर अहमद, यश खुराना और इंदर जीत सिंह बाली हैं। सीबीाई ने इस ठगी को खत्म करने के लिए चक्र-IV चलाया, जिसे अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई के सहयोग से अंजाम दिया गया।
छापेमारी में सीबीआई को 85 हार्ड डिस्क, 16 लैपटॉप, 44 मोबाइल फोन और कई आपत्तिजनक दस्तावेज शामिल हैं। इसके अलावा आरोपितों के घरों से 54 लाख रुपये की नकद राशि भी बरामद की गई है। इनसे जुड़े कई और इलाकों की तलाशी ली गई है और जांच का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है। सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह ठगी से कमाई गई रकम को वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टो) के जरिए एक देश से दूसरे देश में ट्रांसफर करता था ताकि उसे ट्रेस करना मुश्किल हो जाए।
सीबीआई ने इस मामले में कई शिकायतों के बाद 18 अगस्त को केस दर्ज किया और तेजी से जांच शुरू की। 20 अगस्त से अमृतसर और दिल्ली में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई। अमृतसर में खालसा कॉलेज ऑफ विमेन के सामने ग्लोबल टॉवर में स्थित मेसर्स डिजीकैप्स द फ्यूचर ऑफ डिजिटल नामक एक अवैध कॉल सेंटर से 34 लोगों को रंगे हाथों पकड़ा गया। इस कॉल सेंटर में चल रही गतिविधियों के दौरान अमेरिका के लोगों को फोन करके ठगी की जाती थी।
यह गिरोह 2023 से सक्रिय था और खुद को तकनीकी सहायता देने वाली कंपनी बताकर अमेरिका के लोगों को कॉल करता था। आरोपी उन्हें डराते थे कि उनके बैंक खातों से छेड़छाड़ हुई है और उनका पैसा खतरे में है। इसके बाद झांसे में आए पीड़ितों को आरोपी अपने नियंत्रण वाले क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स में पैसे ट्रांसफर करने को मजबूर करते थे। यह गिरोह अब तक यह नेटवर्क करीब 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 330 करोड़ रुपये) की ठगी कर चुका है।
फिलहाल सीबीआई इस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस अंतरराष्ट्रीय ठगी नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है। इंटरपोल और अन्य विदेशी एजेंसियों की मदद से जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
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(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर
