नई दिल्ली, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में वर्षा ऋतु के दौरान लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बहु-क्षेत्रीय केंद्रीय दल के गठन का निर्देश दिया है। यह दल राज्य में बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन और मूसलधार वर्षा की आपदाओं को लेकर वैज्ञानिक विश्लेषण तथा समाधान सुझाने की दिशा में कार्य करेगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी बयान के अनुसार इस बहु-क्षेत्रीय दल में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (रा.आ.प्रा.), केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सी.बी.आर.आई.) रुड़की, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे, भूवैज्ञानिकों तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भा.प्रौ.सं.) इंदौर के विशेषज्ञों को शामिल किया जायेगा। यह दल राज्य में आपदा प्रबंधन की क्षमता को सुदृढ़ करने तथा दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से कार्यरत रहेगा। गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार केवल तात्कालिक राहत तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि दीर्घकालिक समाधान और भविष्य में आपदाओं से निपटने के लिए राज्य की तैयारी को सशक्त बनाना उसका लक्ष्य है।
इसके साथ ही वर्षा ऋतु 2025 के दौरान हिमाचल प्रदेश में बाढ़, अचानक बाढ़, भूस्खलन एवं बादल फटने की घटनाओं के दृष्टिगत केंद्र सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयीय केंद्रीय दल को पहले ही भेज दिया है। यह दल 18 से 21 जुलाई तक सीधे प्रभावित क्षेत्रों का स्थल निरीक्षण कर नुकसान का प्रत्यक्ष मूल्यांकन कर रहा है। वर्ष 2023 में आई आपदाओं के कारण प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को 2006.40 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की है, जिसमें से 451.44 करोड़ रूपये की प्रथम किश्त 7 जुलाई को राज्य सरकार को प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त 18 जून को राज्य आपदा मोचन कोष (एस.डी.आर.एफ.) से 198.80 करोड़ रूपये की केंद्रीय अंशदान की प्रथम किश्त राज्य को जारी कर दी गई है, जिससे तत्काल राहत कार्य संचालित किए जा सकें। केंद्र सरकार ने हिमाचल सहित अन्य राज्यों को सभी प्रकार की तात्कालिक सहायता, जैसे राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें, सेना के दल और वायु सेना का सहयोग भी प्रदान किया है। हिमाचल प्रदेश में इस समय 13 एनडीआरएफ टीमें बचाव एवं राहत कार्यों में लगी हैं।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
