Uttar Pradesh

मिशन शक्ति केंद्र की प्रभारी निरीक्षक होंगी महिला इंस्पेक्टर, केंद्र पर तैनात होंगे 22 पुलिसकर्मी

-दो हफ्ते के अंदर प्रदेश के सभी जिलों में खुल जाएंगे मिशन शक्ति केंद्र

– डीजीपी ने मिशन शक्ति केंद्र को लेकर तय की एडीजी से लेकर केंद्र प्रभारी की जिम्मेदारी

लखनऊ, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति 5 का शुभांरभ करते हुए प्रदेश के हर थाने में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिये थे ताकि प्रदेश की बेटियों और महिलाओं को भयमुक्त वातावरण, गरिमामयी जीवन और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बनाया जा सके।

इसी क्रम में पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने मंगलवार को मिशन शक्ति केंद्र को लेकर सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिये, जिसमें मिशन शक्ति केंद्र को लेकर गाइडलाइन जारी की गयी है।

इसके तहत महिला शिकायतकर्ताओं के प्रति संवेदनशीलता, तत्परता और प्राथमिकता सुनिश्चित करने, शिकायतों का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण, समुचित काउंसिलिंग, सहयोग और संरक्षण आदि निश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। इतना ही नहीं सभी केंद्र, पुलिस चौकियों की तरह कार्य करेंगे और महिला अपराधों से जुड़े मामलों की विवेचना भी करेगा।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि मिशन शक्ति केंद्र में एक प्रभारी निरीक्षक,उपनिरीक्षक (प्राथमिकता महिला अधिकारी), एक से 4 उपनिरीक्षक, 4 से 15 आरक्षी (जिनमें 50 प्रतिशत महिलाएं), 1 से 2 महिला होमगार्ड तथा आवश्यकता पड़ने पर परामर्शदाताओं की नियुक्ति के निर्देश दिये गये हैं। सभी केंद्रों पर कर्मियों को 3 से 5 वर्ष की अवधि तक तैनात रखा जाएगा और प्रशिक्षित कर्मियों के स्थानांतरण का प्रावधान भी होगा।

डीजीपी की जारी गाइडलाइन में थानों के प्रभारी निरीक्षक, थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया है कि मिशन शक्ति केन्द्र के लिए एक अलग कक्ष, कम्प्यूटर, अभिलेख, स्टेशनरी, महिला शौचालय और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाए।

मिशन शक्ति केन्द्र की जिम्मेदारी

महिला हेल्प डेस्क की ड्यूटी और कार्यवाही का रोस्टर तैयार कर समय पर फॉलोअप करना। एंटी रोमियो स्क्वॉड्स और महिला बीट योजना का नियमित क्रियान्वयन और पर्यवेक्षण करना।

महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित एफआईआर, विवेचनाओं और अभियुक्तों के खिलाफ निवारक कार्यवाहियों का समानांतर रिकॉर्ड रखना। पीड़िताओं को काउंसिलिंग, कानूनी सहायता, पुनर्वास और क्षतिपूर्ति जैसी सेवाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर, डीएलएसए, जिला प्रोबेशन अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, बाल कल्याण समिति और फैमिली कोर्ट आदि से समन्वय स्थापित करना। संवेदनशील मामलों में समयबद्ध चिकित्सा जांच और दबिश सुनिश्चित करना। पलायन संबंधी प्रकरणों और झूठे आरोपों वाले मामलों में अनिवार्य काउंसिलिंग करना। महिला सुरक्षा और साइबर सुरक्षा से जुड़े जागरूकता कार्यक्रम नियमित आयोजित करना।

तय की गई अधिकारियों की जिम्मेदारी

परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, उपमहानिरीक्षक रेंज चेंज एजेंट के रूप में इस व्यवस्था को लागू करेंगे और नियमित निरीक्षण करेंगे। नोडल अधिकारी को एक थाने के मिशन शक्ति केन्द्र से दूसरे थाने के मिशन शक्ति केन्द्र में कार्मिकों के स्थानान्तरण के लिए कमिश्नरेट/जनपद के पुलिस आयुक्त/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को प्रस्ताव भेजा जायेगा, जिस पर संबंधित पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक जनपदीय स्थापना बोर्ड की गोष्ठी में विचार करेंगे। उप निरीक्षक, मुख्य आरक्षी आरक्षी का ट्रांसफर, इंडक्शन-डीइंडक्शन बिना नोडल अधिकारी के प्रस्ताव के नहीं होगा। सभी मिशन शक्ति केन्द्रों की मासिक कार्ययोजनाओं और रणनीतियों को अन्तिम रूप देना एवं यह सुनिश्चित करना कि महिला सुरक्षा सम्बन्धी सभी कार्य पुलिस मुख्यालय और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निर्गत नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुरूप हों। सभी मिशन शक्ति केन्द्र प्रभारी के साथ मासिक समीक्षा बैठक एवं समग्र प्रदर्शन की निगरानी और मूल्यांकन करना।

यह होगी केंद्र पर तैनात प्रभारी की जिम्मेदारी

महिला हेल्प डेस्क और मिशन शक्ति केन्द्र के लिए पर्याप्त मानव संसाधन, वित्तीय संसाधन और भौतिक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता सुनिश्चित करना। विभिन्न सरकारी विभागों (जैसे समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा), न्यायिक अधिकारियों और अन्य संगठनों के साथ जिला स्तरीय समन्वय स्थापित करना। यह सुनिश्चित करना कि पीडि़त महिलाओं को सभी आवश्यक सहायता सेवाएं उपब्लध कराना। सभी मिशन शक्ति केन्द्र कर्मियों की जवाबदेही तय करना और किसी भी लापरवाही या कदाचार के मामले में सख्त कार्यवाही सुनिश्चित करना। अधीनस्थ कर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की योजना तैयार कर उनके प्रभावी क्रियान्वयन का पर्यवेक्षण करना, जिससे भविष्य में नवीन कर्मी उपलब्ध रहें। महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेन्स क्लासेज आयोजित कराना, जिसमें महिला शक्ति केन्द्र के कर्मी भी सम्मिलित हो सकते हैं।

प्रकरण को आवश्यकतानुसार चिन्हित कर पीड़िता की काउंसिलिंग प्रोफेशनल साइकोलॉजिस्ट से कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करना। वन स्टॉप सेंटर की क्षमता का आंकलन कर आवश्यकतानुसार इन्हैन्समेन्ट की कार्यवाही प्रारम्भ करना। मिशन शक्ति केन्द्र सम्बन्धित थाने का एक भाग है जो महिला चौकी की भांति कार्यों को सम्पादित करेगा। मिशन शक्ति केन्द्र की प्रभारी, थाने के प्रभारी निरीक्षक, थानाध्यक्ष के नियंत्रणाधीन कार्य करेंगी। संबंधित प्रभारी निरीक्षक, थानाध्यक्ष मिशन शक्ति केन्द्र के औपचारिक रूप से प्रारम्भ किये जाने के दो सप्ताह के अन्दर अपने थाने में मिशन शक्ति केन्द्र की स्थापना कराकर सुचारू रूप से क्रियाशील कराया जाना सुनिश्चित करना। अपने थाने के मिशन शक्ति केन्द्र का नियमित निरीक्षण, केन्द्र में कार्यरत कर्मियों की नियमित ब्रीफिंग एवं संसाधनों के संबंध में अपेक्षित सहयोग प्रदान करना। यह सुनिश्चित करना कि महिला शक्ति केन्द्र प्रभारी का मोबाइल नम्बर ग्राम पंचायत स्तर पर प्रसारित किया जाए।

(Udaipur Kiran) / दीपक

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