देहरादून, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । आपदाग्रस्त धराली में राहत और बचाव युद्धस्तर पर जारी हैं। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, पुलिस वायरलैस की टीम मौके पर राहत एवं बचाव अभियान में जुटी हैं। जिलाधिकारी व एसपी भी लगातार मौके पर रेस्क्यू अभियान की निगरानी कर रहे हैं। धराली में एनडीआरएफ के कंट्रोल रूम के साथ इंसीडेंट कमांड पोस्ट स्थापित हो गई है। पूरे आपदा क्षेत्र को कई सेक्टरों में बांट कर जिम्मेदारी तय कर दी
गई हैं।
धराली के आपदा प्रभावित क्षेत्र को इंसीडेंट कमांडर ने सेक्टर में बांट दिया है। सेक्टर-ए की जिम्मेदारी एनडीआरएफ, सेक्टर बी की जिम्मेदारी सेना, सेक्टर सी की जिम्मेदारी एसडीआरएफ, सेक्टर डी की जिम्मेदारी आईटीबीपी को सौंपी गई है। रोड सेक्टर की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी, बीआरओ व बीजीबी रुड़की को सौंपी गई है। इंसीडेंट कमांडर ने सभी आपरेशन कमार्ड्स व जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर सर्च एवं रेस्क्यू के लिए समेकित कार्य योजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। धराली में पांच जेसीबी, तीन एस्कवेटर, दो डोजर, दस टिप्पर कार्य में लगे हैं। रात में जरूरत के लिए एक जनरेटर सेट भी मौके पर उपलब्ध है। इसके अलावा एनडीआरएफ एक विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, चार लाइव डिटेक्टर, एक एक्सो थर्मल कटिंग डिवाइस का प्रयोग कर रहा है।
आपदा क्षेत्र में आज 635 पैकेट सूखा राशन भेजा गय प्रशासन की ओर से पीड़ितों तक लगातार खाद्य सामग्री भेजी रही है। सोमवार सुबह 635 पैकेट सूखे राशन के क्षेत्रों में भेजे गये हैं। विभिन्न कार्याें के 7200 लीटर डीजल भी जौलीग्रांट से भेजा जा रहा है। पर्याप्त मात्रा में भण्डारण किया जा चुका है। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग ने 150 स्लिपिंग बैग एवं 50 टैन्ट जौलीग्रांट से भेजे हैं। इस संबंध मे आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि हर्षिल में एयरटेल, जीओ तथा बीएसएनएल की मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल कर दी गयी है। हर्षिल में माइक्रो हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना में विद्युत उत्पादन बहाल कर दिया गया है और पावर हाउस तक बिजली आ रही है। एनडीआरएफ के छह व एसडीआरएफ के चार ड्रोन से निगरानी की जा रहा है। सेना के के दो जीपीआर से घटनास्थल पर सर्च कार्य प्रगति पर है।
आपदा प्रबंधन सचिव सुमन ने बताया कि एनजीआरआई के पांच इन्जीनियरों ने जीपीआर के साथ धराली में कार्य करना शुरू कर दिया है। भागीरथी नदी के रुके हुये जल प्रवाह से बनी झील पर जल निकासी कार्य के लिए यूजेवीएनएल तथा सिंचाई विभाग की टीम हर्षिल भेजी गयी है। आपदा के कारणों की जांच व सम्बन्धित उपायों एवं स्थलीय निरीक्षण के लिए एक स्पेशल टीम भेजी जा रही है। इस टीम में यूएलएमएमसी, वाडिया, सीबीआरआई रुड़की, जीएसआई के वैज्ञानिक शामिल हैं।
(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
