

नेशनल हेल्थ मिशन के डिप्टी डॉयरेक्टर भोंसले पहुंचे औचक निरीक्षण पर22 वर्ष बाद अस्पताल के कवार्टर को देख आंखों में छलक आया पानीहिसार, 26 जून (Udaipur Kiran) । कहावत है कि जब बेटे को मां की गोद मिलती हैं तो उसे एक अजीब सा सूकून मिलता है। ऐसा ही एक दृश्य उकलाना मंडी के सरकारी अस्पताल में देखने को मिला जब इस अस्पताल में पला बढ़ा बालक सुरेश भौंसले 22 वर्ष के अंतराल के बाद नेशनल हेल्थ मिशन के डिप्टी डॉयरेक्टर के रुप में निरीक्षण के लिए इसी अस्पताल में पंहुचा। उनके साथ मिशन के डॉ. चंद्र शेखर भी थे।डॉ. भौंसले का यह दौरा हांलाकि एक विभागीय ड्यूटी का हिस्सा था मगर जैसे ही अस्पताल में सेवारत अटेंडेंट कृष्ण सेन ने स्टाफ को जानकारी दी कि हमारे साहब का बचपन इसी अस्पताल में गुजरा है तो उपस्थित स्टाफ ने माहौल को घर जैसा बना दिया। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवि चौहान, चिकित्सा अधिकारी डॉ. बिंटू, नर्सिंग स्टाफ से सुशीला देवी, मीनू, कविता, अंग्रेज एवं रामेश्वर ने डॉ. भौंसले का अपने लाडले की तरह स्वागत किया। परिजनों जैसा स्टाफ से दुलार मिलने पर डॉ. भोंसले भावुक हो गए। उन्होंने अस्पताल परिसर का गहराई से निरीक्षण किया और उस कवार्टर में भी गए जहां उनका बचपन गुजरा था। घर को देख उनकी आंखों में पानी भी छलक आया। यहां बता दें कि डॉ. भौंसले के पिता तेलूराम एवं माता फूली देवी इसी अस्पताल में सेवारत थे। इसी अस्पताल के परिसर में उस खेल के मैदान में भी गए जहां बहन कमलेश एवं अनीता के साथ खेल खेलते थे। डॉ. भौंसले ने यहां अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए अस्पताल की खामियों बारे प्रभारी को निर्देश जारी किए और स्टाफ को लापरवाही के प्रति सचेत किया।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
