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गुरुग्राम में आईएनएस अरावली ​को नए नौसैनिक अड्डे​ के रूप में कमीशन किया गया

आईएनएस अरावली ध्वज

– अत्याधुनिक तालमेल सेंटर के रूप में ​तमाम सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की भी जुगलबंदी होगी

​नई दिल्ली, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । नौ​सेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की​ मौजूदगी में ​आईएनएस अरावली ​को नवीनतम नौसैनिक अड्डे​ के रूप में कमीशन किया गया​ है​।​ गुरुग्राम में भारत का नया स्वदेशी नेवल बेस समंदर से 1100 किमी दूर रहकर नौसेना को ​नई ताकत​ देगा​।​ यह युद्धपोत समंदर से दूर रहकर गुरुग्राम से सूचना तकनीक के माध्यम से ​​अत्याधुनिक तालमेल सेंटर के रूप में काम करेगा, जिसमें ​तमाम सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की भी जुगलबंदी होगी।​​​

​कैप्टन विवेक मधवाल ने बताया कि कमीशनिंग समारोह में नौसेना प्रमुख को 50 जवानों ​ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। यूनिट के प्रथम कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन सचिन कुमार सिंह ने संस्कृत में मंगलाचरण का पाठ किया और उसके बाद कमीशनिंग वारंट पढ़ा। ​कमीशनिंग पट्टिका ​का अनावरण ​होने के बाद​ राष्ट्रगान की धुन पर नौसेना ध्वज फहराया गया। राष्ट्रगान के अंतिम स्वर के साथ कमीशनिंग पताका को मस्तूल पर तोड़ा गया। आईएनएस अरावली के तौर पर नए नौसैनिक अड्डे की स्थापना समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में नया मील का पत्थर है, क्योंकि गुरुग्राम से सबसे नजदीकी बंदरगाह गुजरात का कांडला करीब 1,148 किलोमीटर दूर है।

भारतीय नौसेना ​ने शुक्रवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी की उपस्थिति में गुरुग्राम में ​आईएनएस अरावली का जलावतरण ​किया​।​ अरावली​ का नाम अविरल अरावली पर्वतमाला से लिया गया है​।​ यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के विभिन्न सूचना और संचार केंद्रों को सहायता ​देगा, जो भारत और भारतीय नौसेना के कमान, नियंत्रण और समुद्री क्षेत्र जाग​रुकता​ ढांचे के लिए महत्वपूर्ण हैं। ​अरावली के जलावतरण के साथ भारतीय नौसेना अपनी समुद्री ​क्षमता को मजबूत करेगी​।​ ‘सामुद्रिक सुरक्षाः सहयोगं​’ के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर यह​ पोत नौसेना बेस सहायक और सहयोगी लोकाचार का उदाहरण प्रस्तुत​ करेगा​​।​ बेस के शिखर पर केंद्रीय पर्वतीय छवि अटूट ​और उगता हुआ सूर्य शाश्वत सतर्कता, लचीलेपन और ऊर्जा का प्रतीक है​​​।​

भारत के लिए​ आईएनएस अरावली गेम चेंजर साबित ​होगा, क्योंकि ​यह जिस हिंद महासागर क्षेत्र पर नजर ​रखेगा​, उससे होकर दुनिया का 80 फीसदी से ज्यादा तेल और 75 फीसदी समुद्री व्यापार होता है​।​ यह इलाका राजनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है​।​ अरावली में मौजूद इंफॉर्मेशन​ फ्यूजन सेंटर​ का मुख्य​ कार्य समुद्री डकैतों, आतंकवाद, तस्करी, अवैध मछली पकड़ने और मानव तस्करी जैसे गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना​ है​​​। यह सेंटर सूचनाओं के आदान-प्रदान,​ समन्वय और विशेषज्ञता के जरिए शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र की दिशा में काम करता है​​​​।​——————

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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