Haryana

सिरसा: हरियाणा में मनरेगा योजना की अनदेखी से गरीबों और मजदूरों के साथ हो रहा अन्याय: सैलजा

सिरसा, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा हैै कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का उद्देश्य गांवों के गरीब व जरूरतमंद परिवारों को न्यूनतम 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित करना है। लेकिन हाल ही में जारी आंकड़े साफ दिखाते हैं कि हरियाणा सरकार इस योजना को धीरे-धीरे कमजोर कर रही है, जिससे लाखों गरीब मजदूर परिवार प्रभावित हो रहे हैं।

प्रदेश की भाजपा सरकार इस योजना की अनदेखी कर गरीबों और मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है। सांसद ने सरकार से अनुरोध किया कि मनरेगा सिर्फ कागजों में नहीं, बल्कि जमीन पर गरीब मजदूरों की जिंदगी सुधारने का साधन बननी चाहिए। सांसद सैलजा सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा कि 2007-08 से लेकर 2022-23 तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि पंजीकृत परिवारों की संख्या बढऩे के बावजूद रोजगार मांगने और प्राप्त करने वालों की संख्या में भारी गिरावट आई है। विशेष रूप से 100 दिन का रोजगार पाने वाले परिवारों की संख्या चिंताजनक रूप से बेहद कम है।

2022-23 में पंजीकृत 12.35 लाख परिवारों में से केवल 4.72 लाख ने ही रोजगार मांगा और सिर्फ 1,331 परिवारों को ही 100 दिन का रोजगार मिला। यह स्थिति गरीबों के साथ एक बड़े मजाक से कम नहीं है। हरियाणा जैसे राज्य में, जहां ग्रामीण मजदूर वर्ग पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और कृषि संकट से जूझ रहा है, वहां मनरेगा को ठप करना गरीबों की रोटी छीनने जैसा है। केंद्र सरकार से मिलने वाले फंड का सही उपयोग न होना और ग्रामीण विकास विभाग की उदासीनता इस गिरावट के मुख्य कारण हैं।

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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma

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