
जम्मू, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर में सोमवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन इंफ़्राईएम भारत – इंजीनियरिंग दी आत्मनिर्भर फ्यूचर का शुभारंभ हुआ। इस सम्मेलन का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए नवाचारों और सतत समाधानों पर चर्चा करना है। इसमें देशभर से आए विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। यह सम्मेलन सिविल इंजीनियरिंग विभाग तथा धातुकर्म एवं सामग्री इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इसका औपचारिक उद्घाटन प्रो. रूही नाज़ मीर (प्रभारी निदेशक, एनआईटी श्रीनगर), प्रो. जे.ए. भट (विभागाध्यक्ष, सिविल इंजीनियरिंग) और प्रो. मुहम्मद शफी मीर (वरिष्ठ संकाय सदस्य) ने किया।
संस्थान के निदेशक प्रो. बिनोद कुमार कनौजिया ने अपने संदेश में कहा कि सम्मेलन का विषय आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना से पूर्णतः मेल खाता है और यह दर्शाता है कि सतत, सुदृढ़ और भविष्य-उन्मुख अवसंरचना के निर्माण में इंजीनियरों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। मुख्य अतिथि प्रो. रूही नाज़ मीर ने अपने संबोधन में पिछले तीन दशकों में हुई तकनीकी क्रांति का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि कंप्यूटिंग और इंटरनेट तकनीकें दुनिया को इस हद तक बदल देंगी। अब आवश्यकता है कि हम नवाचार की इस गति को बनाए रखें और नई सामग्रियों को अवसंरचना विकास से जोड़कर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ें।
प्रो. भट ने कहा कि संस्थान में सामग्री अनुसंधान एक सक्रिय क्षेत्र है, परंतु अब हमें अवसंरचना से जुड़े अन्य व्यावहारिक मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वहीं प्रो. मुहम्मद शफी मीर ने कहा कि अवसंरचना की गुणवत्ता सीधे तौर पर उपयोग की जाने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। बदलते पर्यावरणीय हालातों को देखते हुए रीसाइक्लिंग और पुनः उपयोग जैसे उपाय अब अनिवार्य बन गए हैं। प्रो. अतीकुर रहमान (रजिस्ट्रार) ने कहा कि ऐसे सम्मेलन ज्ञान-साझाकरण और उद्योग-शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देते हैं। वहीं डॉ. श्रीनिबास मिश्रा (प्रभारी, धातुकर्म एवं सामग्री इंजीनियरिंग विभाग) ने कहा कि सामग्री इंजीनियरिंग किसी भी देश की प्रगति की आधारशिला है।
सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. विवेक ने कहा कि “इंफ़्राईएम भारत केवल एक शैक्षणिक आयोजन नहीं, बल्कि विचारों, नवाचार और अंतर्विषयक सहयोग का उत्सव है, जहाँ सिविल और धातुकर्म इंजीनियरिंग एक साझा लक्ष्य के लिए एकजुट होती हैं।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
