
सिरसा, 23 जून (Udaipur Kiran) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार ने एक अप्रैल 2025 से लागू की गई नई बिजली दरें और फिक्स्ड चार्ज प्रदेश की जनता, विशेषकर छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए विनाशकारी सिद्ध होंगी। यह नीतियां न केवल जनविरोधी हैं, बल्कि आर्थिक रूप से कमर तोडऩे वाली भी हैं। भाजपा सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि शासन का उद्देश्य राजस्व संग्रह नहीं, जनकल्याण होता है। ऐसे में सरकार को अपना यह फैसला जनहित में तत्काल प्रभाव से वापस लेना चाहिए।
सांसद कुमारी सैलजा ने सोमवार को जारी एक प्रेस बयान में कहा है कि हरियाणा में बिजली हुई चार गुना महंगी हो गई है यानि जो पहले 1000 का बिल आता था अब वह चार हजार तक आएगा। उधर सरकार के इस फैसले से उद्योगों का पलायन होगा। सांसद ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा की गई बिजली दरों में अत्यधिक वृद्धि ने आम नागरिकों की आर्थिक स्थिति पर सीधा प्रहार किया है।
यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब लोग पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से त्रस्त हैं। भाजपा सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि शासन का उद्देश्य राजस्व संग्रह नहीं, जनकल्याण होता है। बिजली जैसी आवश्यक सेवा पर इस प्रकार की नीतियां प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक संरचना को असंतुलित करती हैं। भाजपा सरकार का यह निर्णय पूरी तरह से असंवेदनशील और जनविरोधी है।
कुमारी सैलजा ने कहा है कि सरकार की नई बिजली दरें छोटे उद्योगों, किसानों और आम जनता पर आर्थिक हमला हैं। सरकार ने अब 10 किलोवाट से अधिक लोड लेने वाले उपभोक्ताओं पर 250 प्रति किलोवाट प्रति माह का फिक्स्ड चार्ज लगा दिया है। इसका सीधा असर प्रदेश के हजारों छोटे उद्योगों पर पड़ेगा, जिनके पास आमतौर पर 20 से 100 किलोवाट तक का लोड होता है।
सैलजा ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि 10 किलोवाट से अधिक लोड पर 250 प्रति किलोवाट के फिक्स्ड चार्ज को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए, सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज को समाप्त किया जाए या यथासंभव न्यूनतम रखा जाए, बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी को तुरंत निरस्त किया जाए, चुनावी वादे के अनुसार जनता को सस्ती और सुगम बिजली मुहैया करवाई जाए। जनता के पैसे से बनी व्यवस्था में जनता पर ही इतना बड़ा भार डालना एक जनविरोधी और पूंजीपति नीति का प्रमाण है। कांग्रेस पार्टी इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ सडक़ से सदन तक संघर्ष करेगी।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
