Madhya Pradesh

इंदौरः जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत घर-घर गणना प्रपत्र वितरण का कार्य शुरू

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत घर-घर गणना प्रपत्र वितरण का कार्य शुरू

– कलेक्टर शिवम वर्मा ने स्वयं मतदाताओं के घर पहुँचकर गणना प्रपत्र किया वितरित

इंदौर, 04 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया के तहत मंगलवार से घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरण का कार्य शुरू हो गया है। कलेक्टर एवं जिला ‍निर्वाचन अधिकारी शिवम वर्मा ने स्वयं मतदाताओं के घर पहुँचकर गणना प्रपत्र ‍वितरित किए। उनके साथ अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी पंवार नवजीवन विजय, एसडीएम प्रदीप सौनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

कलेक्टर शिवम वर्मा मंगलवार को सदर बाजार मेन रोड़ पर 95 वर्षीय मतदाता वासुदेव वर्मा के ‍निवास पर पहुँचे। यहाँ उन्होंने गणना प्रपत्र का अपने हाथों से वितरण किया और पुनरीक्षण की प्रक्रिया के बारे में ‍विस्तार से समझाईश दी। इस अवसर पर वासुदेव वर्मा ने बताया कि यहाँ पाँच भाईयों का परिवार निवास करता है। सभी के नाम मतदाता सूची में हैं। हमें पुनरीक्षण के संबंध में जानकारी है। हमने पहले से ही आवश्यक दस्तावेज की तैयारी कर रखी थी। जैसे ही आज हमें गणना प्रपत्र ‍मिला, हमने सभी औपचारिकताएं पूर्ण की। मतदाता वर्मा ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि कलेक्टर स्वयं मेरे घर आएंगे और गणना प्रपत्र स्वयं अपने हाथों से देंगे। मैं आज अभिभूत हूँ। उन्होंने अन्य मतदाताओं से भी अपील की, कि वे लोकतंत्र की इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में सहभागी बने। अपने घर आने वाले बीएलओ को सहयोग करते हुए सभी आवश्यक जानकारी दें।

कलेक्टर वर्मा ने परिवार के अन्य सदस्यों से भी चर्चा की और उन्हें प्रक्रिया से अवगत कराया। कलेक्टर ने बताया कि इंदौर जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया के तहत आज से घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरण का कार्य शुरू हो गया है। यह प्रक्रिया 4 दिसम्बर तक चलेगी। इसके लिए जिले में 2625 बीएलओ ‍नियुक्त किए गए हैं। सभी बीएलओ को ट्रेनिंग दी गई है। बीएलओ द्वारा 4 दिसम्‍बर तक घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा। प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसम्‍बर को किया जाएगा। प्रारूप मतदाता सूची के संबंध में दावा-आपत्तियों के आवेदन 9 दिसम्‍बर से 8 जनवरी 2026 तक लिए जाएंगे। प्राप्त दावे-आपत्तियों के सुनवाई और प्रामाणिकरण के बाद 7 फरवरी 2026 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।

कलेक्टर ने कहा कि इस विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के माध्यम से शुद्ध मतदाता सूची पारदर्शी रूप से तैयारी की जाएगी। इस प्रक्रिया में राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों से सहयोग की अपेक्षा भी व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि यह कार्य भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तय कार्यक्रम और दिए गए दिशा-निर्देशानुसार सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल होने से छूटे नहीं और अपात्र का नाम जुड़े नहीं।

विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत घर-घर जाकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जाएगा। जिले के सभी 2625 मतदान केन्द्रों के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की नियुक्ति कर उन्हें उक्त कार्य के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। बताया गया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। उक्त अधिकारियों द्वारा प्रारूप मतदाता सूची तैयार करने, प्रारूप मतदाता सूची के संबंध में दावे-आपत्ति लेने और निर्णय करने तथा अंतिम मतदाता सूची तैयार कर प्रकाशित करने के कार्य किए जाएंगे। प्रत्येक तहसील के लिए एक सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी रहेंगे। जिला मजिस्ट्रेट निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी के विरूद्ध की गई प्रथम अपील को सुनेंगे। जिला मजिस्ट्रेट के ‍विरूद्ध की गई द्वितीय अपील को राज्य के मुख्य ‍निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा सुनवाई की जाएगी।

विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत बीएलओ प्रत्येक मौजूदा मतदाता को गणना प्रपत्र वितरित करेंगे। मतदाता को अपना नाम या अपने परिजन का नाम वर्ष 2002-2004 के दौरान आयोजित पिछले पुनरीक्षण से मिलान या लिंक करने में मदद करेंगे। नए मतदाताओं के नाम को जोड़ने के लिए फॉर्म-6 और घोषणा प्रपत्र एकत्र करेंगे तथा मिलान/लिंकिंग में सहायता करेंगे। मतदाता को गणना प्रपत्र (ईएफ) भरने एवं एकत्र करने में सहायता करेंगे, ईआरओ/एईआरओ को जमा करेंगे। बीएलओ प्रत्येक मतदाता के घर पर कम से कम 3 बार जाएंगे । मतदाता, विशेषकर शहरी या अस्थायी रूप से स्थानांतरित व्यक्ति ईएफ ऑनलाइन भी भर सकते हैं। बीएलओ ऐसे मतदाताओं की पहचान करेंगे जो मृत हैं, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं या एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं। गणना चरण के दौरान ईएफ के साथ किसी अन्य दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं है। ईआरओ/एईआरओ जिन निर्वाचकों के गणना प्रपत्र प्राप्त हो गए हैं, उनके नाम प्रारूप सूची में शामिल करेंगे। जिन निर्वाचकों के नामों का पिछले एसआईआर से मिलान/लिंकिंग नहीं हो सका है, उन्हें नोटिस जारी करेंगे । ऐसे मामलों की सुनवाई कर उनकी पात्रता निर्धारित करेंगे और उनके नामों को अंतिम नामावली में शामिल या वर्जित करने का निर्णय लेंगे। ईआरओ/एईआरओ यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पात्र नागरिक ना छूटे, कोई भी अपात्र व्यक्ति सम्मिलित ना हो। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ईआरओ के निर्णय के विरुद्ध की गई प्रथम अपील सुनेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डीएम के निर्णय के विरुद्ध की गई द्वितीय अपील सुनेंगे।

प्रारूप नामावली में उन सभी निर्वाचकों के नाम शामिल होंगे जिनके गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं। अनुपस्थित , स्थानांतरित, मृत (ASD) या दोहराए गए नाम, जो प्रारूप नामावली में शामिल नहीं हैं, उनकी सूची CEO की वेबसाइट या सार्वजनिक कार्यालयों में प्रदर्शित की जाएगी। ईआरओ/एईआरओ द्वारा नोटिस जारी कर और उस पर निर्णय लिया जाएगा। ऐसे निर्वाचकों को नोटिस जारी किए जाएंगे जिनके नामों का पिछले एसआईआर से मिलान/लिंकिंग नहीं हो सका। उनकी मतदाता के रूप में पात्रता सुनिश्चित करने के लिए संकेतक दस्तावेजों (indicative documents) का सत्यापन किया जाएगा। पिछले एसआईआर से पहले उनकी स्थिति (whereabouts) जानने के लिए सुनवाई की जाएगी। ईआरओ/ एईआरओ द्वारा दावे-आपत्तियाँ प्राप्त कर उन पर निर्णय लिया जाएगा। कोई भी मतदाता या मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के बीएलए दावा या आपत्ति प्रस्तुत कर सकते हैं।

(Udaipur Kiran) तोमर