Madhya Pradesh

इंदौरः राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर जिला पंचायत में हुआ सामूहिक गायन

इंदौरः राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर जिला पंचायत में हुआ सामूहिक गायन
गोंड शैली में प्रकृति की कथाओं का चित्र प्रदर्शनी हुई आयोजित

इंदौर, 08 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के इंदौर में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के ऐतिहासिक और गौरवशाली अवसर पर शनिवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला पंचायत परिसर में उपस्थित जनप्रतिनिधियों व कर्मचारियों ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का सामूहिक गायन किया गया।

स्वदेशी भारत बनाने की शपथ भी ली।इस गौरवपूर्ण अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट वर्चुअल रूप से सम्मिलित रहे। इस अवसर पर विधायक उषा ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष रीना सतीश मालवीय, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित बड़ी संख्या में अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण ने एक स्वर में राष्ट्रगीत वंदे मातरम का गायन किया।

अपने उद्बोधन में उपस्थित जन प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि“वंदे मातरम्” केवल एक नारा नहीं, बल्कि आत्मा की पुकार है। कभी इसने हमें गुलामी से आज़ादी की ओर जगाया था, आज यह हमें राष्ट्रीय एकता, नीति, समता और नैतिकता की ओर जगाने का आह्वान कर रहा है।

गोंड शैली में प्रकृति की कथाओं का चित्र प्रदर्शनी हुई आयोजित

शनिवार को इंदौर शहर के देवल्लीकर कला वीथिका में गोंड शैली की चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। इस प्रदर्शनी में प्रकृति प्रेम को दर्शाती हुई अनेक कहानियां विद्यार्थियों द्वारा उकेरी गई। रंग रेखा संस्था की संस्थापिका रेखा सिंह ने बताया कि गत 4 नवम्बर को शासकीय आर्ट एंड कॉमर्स महाविद्यालय में 35 विद्यर्थियों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

इस कार्यशाला में गोंड कलाकार द्वारिका परस्ते ने विद्यर्थियों को गोंड शैली की भित्तिचित्रकला के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया था। इसके पश्चात शनिवार को उन्ही विद्यार्थियों द्वारा गोंड शैली में प्रकृति प्रेम की कहानियां चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित की गई। प्रदर्शनी में 33 विद्यर्थियों की चित्रकला प्रस्तुत की गई। इसमें पेड़ पौधों के अलावा चिड़िया से लेकर शेर के चित्रों के द्वारा लोक कथाओं को दर्शाया गया। संस्थापिका रेखा सिंह ने बताया कि पहले तो यह कला गोबर और मिट्टी के रंगों से लोकप्रिय हुई है। लेकिन अब यह कला पेपर पर एक्रेलिक कलर में भी पहचान बना रही है। गोंड चित्र कला शैली को जीआई टैग भी प्राप्त हुआ है।

(Udaipur Kiran) तोमर