Madhya Pradesh

इंदौरः नेशनल लोक अदालत में हुआ 12 हजार 776 प्रकरणों का निराकरण

इंदौरः नेशनल लोक अदालत

इंदौर, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में 12 हजार 776 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिले में गठित 89 खण्डपीठों में लंबित मामलों की सुनवाई हुई। इस अवसर पर जिला न्यायालय में पदस्थ समस्त न्यायाधीशगण, कर्मचारीगण एवं जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष श्री लखनलाल यादव व अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शिवराज सिंह गवली ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को जिला मुख्यालय के न्यायालय, परिवार न्यायालय, श्रम न्यायालय व जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के साथ ही बाह्यवर्ती न्यायालयों में प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित कुल 89 खण्डपीठों में मोटर दुर्घटना क्लेम के 961 प्रकरण, सिविल के 111 प्रकरण, विद्युत के 259 प्रकरण, चेक अनादरण के 1094 प्रकरण, राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकृति के 254 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 178 प्रकरण, श्रम के 25 प्रकरण, बैंक रिकेवरी 07 प्रकरण, उपभोक्ता आयोग से संबंधित 33 प्रकरण व अन्य राजीनामा योग्य प्रकरण 761 इस प्रकार न्यायालयों में लंबित कुल 3683 मामलों का निराकरण आपसी राजीनामे के आधार पर कराया गया। जिसमें लगभग 97 करोड़ रुपये की राशि के अवार्ड पारित किये गये। इसके अतिरिक्त बैंक, बीएसएनएल, विद्युत एवं नगर निगम के कुल 95043 प्रीलिटिगेशन प्रकरण भी लोक अदालत में रखे गये थे, जिनमें कुल 9093 प्रकरणों का निराकरण किया जाकर लगभग 18 करोड़ रुपये की वसूली की गई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा नेशनल लोक अदालत की सफलता पर समस्थ न्यायाधीशगण, कर्मचारीगण, अधिवक्तागण एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों का अभार व्यक्त किया गया।

हाईकोर्ट की लोक अदालत में आपसी सुलह से 233 मामलों का हुआ निराकरणम.प्र. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में आयोजित नेशनल लोक अदालत के समक्ष सिविल (एम.ए.सी.टी.आदि), रिट एवं क्रिमिनल से संबंधित कुल 571 प्रकरणों को सुनवाई हेतु रखा गया था जिसमें से कुल 233 प्रकरण निराकृत किये जाकर लगभग राशि 3 करोड़ 25 लाख के अवार्ड पारित किये गये। नेशनल लोक अदालत में उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की ओर से प्रकरणों की सुनवाई हेतु न्यायाधिपति गजेन्द्र सिंह, न्यायाधिपति पवन कुमार द्विवेदी की खण्डपीठें गठित की गई थी। उक्त खण्डपीठों के समक्ष प्रकरणों को सुनवाई हेतु रखा गया जिसमें खण्डपीठों द्वारा 233 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया।

(Udaipur Kiran) तोमर

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