
—नॉनलिनियर समस्याओं के समाधान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उदय पर विमर्श
वाराणसी, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान के गणित विभाग की ओर से आयोजित नॉन-लीनियर ऑप्टिमाइज़ेशन सेमिनार में दूसरे दिन गुरूवार को नॉनलिनियर समस्याओं के समाधान पर विमर्श किया गया। इंडो-फ्रेंच सेमिनार और इंटरनेशनल कॉन्फ़्रेंस में जुटे विशेषज्ञों ने नॉनलिनियर ऑप्टिमाइजेशन और इसके विविध अनुप्रयोगों के क्षेत्र में हाल की प्रगतियों पर चर्चा की। विज्ञान संस्थान परिसर स्थित महामना सभागार में कार्यक्रम के पहले दिन बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने वर्तमान में तेजी से विकसित हो रहे शैक्षणिक एवं शोध परिदृश्य में सहयोग, नवाचार और अनुकूलनशीलता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने समान रुचि रखने वाले विद्वानों के मजबूत नेटवर्क के निर्माण की आवश्यकता पर जोर देते हुए संस्थानों के बीच आपसी यात्राओं और शैक्षणिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने की बात कही। कुलपति ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उदय की चर्चा कर कहा कि दुनिया वर्तमान में एक ऐसे दौर से गुजर रही है जिसमें डेटा-आधारित दृष्टिकोण सैद्धांतिक अनुसंधान को तेजी से प्रभावित कर रहे हैं। विश्वविद्यालय की बढ़ती वैश्विक उपस्थिति और पहुंच का भी उन्होंने उल्लेख किया। सेमिनार में विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर संजय कुमार ने संस्थान के बढ़ते अंतःविषयक शोध पर जोर देते हुए कहा कि भारत और फ्रांस के गणितज्ञों, कंप्यूटर वैज्ञानिकों तथा अनुप्रयुक्त शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाकर, हम विज्ञान में दीर्घकालिक वैश्विक साझेदारियों का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में ऑप्टिमाइजेशन तकनीकों के विभिन्न क्षेत्रों-विज्ञान, इंजीनियरिंग और डेटा विश्लेषण- में बढ़ते महत्व पर भी प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि प्रो. मार्क लासोंडे का परिचय देते हुए प्रो. डिडिएर ऑसेल (पेरपिग्नन विश्वविद्यालय) ने उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक योगदान तथा स्थायी व्यक्तिगत प्रभाव की सराहना की। इसके पश्चात मुख्य अतिथि फ्रांस के प्रो. मार्क लासोंडे (लिमोस, क्लेरमोंट-फेरैंड, फ़्रांस) ने नॉनलाइनियर ऑप्टिमाइज़ेशन में हालिया प्रगति को बताया। जिसमें उन्होंने नॉनलाइनियर समस्याओं के समाधान नवीन दृष्टिकोण और एल्गोरिथम विकास पर चर्चा की। इसके पहले मुख्य अतिथि का सम्मान संकाय प्रमुख प्रो. अरुण देव सिंह और निदेशक प्रो. संजय कुमार ने किया। उद्घाटन समारोह की शुरुआत महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन से हुई। स्वागत भाषण सम्मेलन संयोजक प्रोफेसर एस. के. मिश्रा ने दिया। धन्यवाद ज्ञापन गणित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एम. एम. त्रिपाठी ने किया। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि आगामी दो दिनों तक सम्मेलन में भारत और विदेश से अग्रणी शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों तथा छात्रों को एक साथ लाकर नॉनलिनियर ऑप्टिमाइजेशन और इसके विविध अनुप्रयोगों के क्षेत्र में हाल की प्रगतियों पर चर्चा की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी