HimachalPradesh

कृषि विश्वविद्यालय के पीएचडी शोधार्थी सचिन ऑस्ट्रेलिया में भारत का प्रतिनिधित्व

कुलपति के साथ शोधार्थी सचिन।

धर्मशाला, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के एग्रोनोमी विज्ञान विभाग के पीएचडी शोधार्थी सचिन अपने शोध कार्य “पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में उर्द (काला चना) की उपज एवं मृदा स्वास्थ्य पर जैविक पोषक प्रबंधन की प्रतिक्रिया” विषय पर ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत करेंगे।

सचिन अपने शोध निष्कर्षों को 8वें अंतरराष्ट्रीय फूड लेग्यूम रिसर्च सम्मेलन एवं 5वें ऑस्ट्रेलियन पल्स सम्मेलन में प्रस्तुत करेंगे, जिसका आयोजन 15–19 सितम्बर 2025 को पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में होगा। यह प्रतिष्ठित सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय लेग्यूम सोसायटी (ILS) एवं पल्स ग्रेन्स सोसायटी ऑफ ऑस्ट्रेलिया (PGSA) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इसमें विश्वभर से वैज्ञानिक, शिक्षाविद, नीति-निर्माता एवं उद्योग विशेषज्ञ भाग लेंगे और दालों के माध्यम से उत्पादकता, स्थिरता एवं पोषण सुरक्षा बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।

उनका शोध जैविक पोषक प्रबंधन के माध्यम से उर्द उत्पादन में वृद्धि, मृदा की उर्वरता में सुधार, स्थिरता एवं जलवायु अनुकूलन क्षमता पर केंद्रित है। यह कार्य विशेषकर पर्वतीय कृषि क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, जहाँ संसाधन संरक्षण और पर्यावरण-अनुकूल खेती छोटे एवं सीमांत किसानों की आजीविका के लिए आवश्यक है।

इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ नवीन कुमार ने सचिन को बधाई दी और कहा कि ऐसे अवसर न केवल विश्वविद्यालय में हो रहे उच्चस्तरीय शोध को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि भारत के कृषि विज्ञान को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि युवा शोधार्थियों की भागीदारी अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगी और अनुसंधान एवं विकास के नए अवसर खोलेगी।

सचिन के प्रमुख सलाहकार डॉ. जनार्दन सिंह, अध्यक्ष, जैविक कृषि एवं प्राकृतिक खेती विभाग ने भी शुभकामनाएँ दीं और उनकी मेहनत, समर्पण एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कहा कि सचिन की भागीदारी से विश्वविद्यालय की जैविक खेती, दाल-आधारित फसल प्रणाली एवं सतत मृदा प्रबंधन संबंधी पहलों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी।

यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के अन्य शोधार्थियों को भी उत्कृष्टता की दिशा में प्रेरित करेगी तथा कृषि विज्ञान के क्षेत्र में सार्थक योगदान देने के लिए उत्साहित करेगी।

(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया

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