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हरित हाइड्रोजन निर्यात का वैश्विक केंद्र बनना है भारत का लक्ष्यः श्रीपद येसो नाइक

फिक्की ग्रीन हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 को संबोधित करते श्रीपद येसो नाइक
फिक्की ग्रीन हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 को संबोधित करते श्रीपद येसो नाइक

नई दिल्‍ली, 19 अगस्‍त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपद येसो नाइक ने मंगलवार को कहा कि भारत का लक्ष्य हरित हाइड्रोजन निर्यात का वैश्विक केंद्र बनना है। उन्‍होंने कहा कि 2030 तक दुनियाभर की मांग का लगभग 10 फीसदी निर्यात करना भी है।

केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने यहां के फिक्की फेडरेशन हाउस, तानसेन मार्ग में आयोजित फिक्की ग्रीन हाइड्रोजन शिखर सम्मेलन 2025 को संबोधित करते हुए ये घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि हम भारत को न केवल एक प्रमुख उत्पादक बनाना चाहते हैं, बल्कि हरित हाइड्रोजन निर्यात का एक वैश्विक केंद्र भी बनाना चाहते हैं।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर से आयोजित इस सम्‍मेलन को संबोधि‍त करते हुए श्रीपद नाइक ने बताया कि भारत ने अपने महत्वाकांक्षी हरित हाइड्रोजन उत्पादन लक्ष्यों की दिशा में पर्याप्त प्रगति की है, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 19 कंपनियों को 862,000 टन प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता पहले ही प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि भारत का लक्ष्य वैश्विक हरित हाइड्रोजन की लगभग 10 फीसदी मांग को पूरा करना है, जिसके 2030 तक 100 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक होने की उम्मीद है। सरकार ने 15 कंपनियों को 3,000 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण क्षमता प्रदान की है, जो इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास को दर्शाता है।

नाइक ने कहा, हम भारत को न केवल एक प्रमुख उत्पादक बनाना चाहते हैं, बल्कि हरित हाइड्रोजन निर्यात का एक वैश्विक केंद्र भी बनाना चाहते हैं। उन्होंने तेज़ी से बढ़ते वैश्विक बाजार में खुद को एक विश्वसनीय निर्यातक के रूप में स्थापित करने की देश की रणनीति का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि भारत की नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्धियों को हरित हाइड्रोजन महत्वाकांक्षाओं की नींव बताया। जून 2025 तक कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लगभग 237 गीगावाट तक पहुंच गई, जिसमें 119 गीगावाट सौर ऊर्जा, 52 गीगावाट पवन ऊर्जा और 49 गीगावाट बड़े जलविद्युत ऊर्जा शामिल हैं। नाइक ने कहा कि 8.78 गीगावाट परमाणु ऊर्जा के साथ, गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोत अब कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 50 फीसदी से अधिक प्रतिनिधित्व करते हैं।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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