
साेलन, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने ज़िला सोलन के परवाणू स्थित भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) कार्यालय में आयोजित विश्व मानक दिवस कार्यक्रम में भाग लिया और भारत के मानक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए एक व्यावहारिक पांच सूत्रीय एजेंडा प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शून्य दोष, शून्य प्रभाव विज़न को दोहराते हुए कहा कि भारत अब गुणवत्ता को विशेषाधिकार नहीं, बल्कि अधिकार मानता है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2014 से पहले देश में केवल 14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) लागू थे, जिनमें 106 उत्पाद शामिल थे, लेकिन पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार की नीति और नीयत के चलते अब 187 क्यूसीओ के तहत 770 उत्पाद बीआईएस प्रमाणन के अंतर्गत आ चुके हैं। उन्होंने इसे घटिया गुणवत्ता को स्वीकार करने की मानसिकता से हटकर उत्कृष्टता की ओर बढ़ते भारत का संकेत बताया।
उन्होंने कहा कि मानकों की बेहतर पहुंच, विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए, भारत को वैश्विक बाज़ार में प्रतिस्पर्धी बना सकती है। बीआईएस परवाणू जैसे केंद्रों को उद्योग के साथ भागीदारी का मॉडल बनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि देश के 6.63 करोड़ एमएसएमई जीडीपी में 30 प्रतिशत और निर्यात में 45 प्रतिशत से अधिक का योगदान देते हैं। उन्होंने पर्यावरणीय स्थिरता को मानकों से जोड़ने की ज़रूरत पर भी बल दिया और ऐसे मानकों की बात की जो ऊर्जा दक्षता और पुनर्चक्रण जैसे पहलुओं को कवर करें।
अनुराग ठाकुर ने इंजीनियरिंग और प्रबंधन शिक्षा में मानक साक्षरता को बढ़ाने, प्रमाणन प्रक्रियाओं को डिजिटल व पारदर्शी बनाने और वैश्विक मानकों के साथ भारत की सामंजस्यता को और मज़बूत करने की बात कही। उन्होंने बताया कि भारत आज इंटरनैशनल ऑर्गनाइज़ेशन फॉर स्टैंडर्डाइज़ेशन (आईएसओ)और इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्नीकल कमीशन (आईइसी) मानकों के साथ 94 प्रतिशत तक सामंजस्य बना चुका है, जिससे निर्यातकों को वैश्विक बाज़ारों में कम अड़चन का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि भारत में अब तक 23,500 से अधिक मानक लागू किए जा चुके हैं, और यही कारण है कि भारतीय उत्पाद अब वैश्विक मानकों से मुकाबला कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को प्रमाणित और सुरक्षित उत्पादों की मांग करनी चाहिए, क्योंकि जब बाज़ार में गुणवत्ता की माँग होती है, तो उद्योग भी उसी स्तर की आपूर्ति करता है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी बनने जा रहा है। ऐसे में बीआईएस, एमएसएमई और स्टार्टअप्स मिलकर विकसित भारत के सपने को साकार करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र में 26.77 करोड़ लोग काम कर रहे हैं और इसमें मानकों की उत्कृष्टता से उद्यमिता को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
