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विपक्ष के हंगामे के बीच भारतीय पत्तन विधेयक, 2025 लोकसभा में पारित

भारतीय पत्तन विधेयक 2025 का लोकसभा में समर्थन करते सदस्य

नई दिल्ली, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । लोकसभा में मंगलवार को भारतीय पत्तन विधेयक, 2025 को विपक्ष के विरोध और नारेबाजी के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस दौरान बिहार में मतदाता सूची में किए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।

इस विधेयक का उद्देश्य बंदरगाहों से जुड़े कानूनों को आधुनिक बनाना, एकीकृत बंदरगाह विकास को बढ़ावा देना और व्यापार को सुगम बनाना है।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह विधेयक सदन में विचार और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक भारत के बंदरगाहों के विकास को एक नई दिशा देगा, जिससे समुद्री क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और राज्यों के बंदरगाहों के प्रबंधन को मजबूत बनाया जा सकेगा।

विधेयक में प्रमुख बंदरगाहों को छोड़कर अन्य सभी बंदरगाहों के प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्य समुद्री बोर्डों की स्थापना और सशक्तीकरण का प्रावधान है। साथ ही समुद्री राज्य विकास परिषद के गठन का भी प्रस्ताव है, ताकि बंदरगाह क्षेत्र का समन्वित और संरचित विकास किया जा सके।

विधेयक में सुरक्षा, पर्यावरणीय अनुपालन, आपात स्थितियों, प्रदूषण नियंत्रण, दिशा-निर्देशन और बंदरगाह संबंधी आंकड़ों के प्रबंधन के लिए ठोस ढांचा तैयार करने की बात कही गई है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुपालन और विवाद निपटान के लिए न्यायिक तंत्र का भी प्रावधान है।

विपक्षी सदस्यों की ओर से जोरदार नारेबाजी की जा रही थी। इस बीच पीठासीन अधिकारी जगदंबिका पाल ने विपक्ष को भरोसा दिलाया कि सभी को इस विधेयक पर बोलने का मौका मिलेगा। भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने विपक्ष से विधेयक के पारित होने में सहयोग की अपील की।

विधेयक पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही को शाम 4.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने संसद भवन परिसर के मकर द्वार पर एसआईआर के मुद्दे पर धरना जारी रखा। इससे पहले आज सुबह प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण पर चर्चा हुई। भाजपा सदस्य मनोज तिवारी ने दिल्ली में इन योजनाओं के क्रियान्वयन की कमी की ओर ध्यान आकर्षित किया। इस पर राज्यमंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने जवाब दिया। इसके पहले हंगामे के कारण सदन को पहले दोपहर 12 बजे और फिर 3 बजे तक स्थगित करना पड़ा।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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