
कोलकाता, 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा शुक्रवार को साल्टलेक स्थित राष्ट्रीय भूस्खलन पूर्वानुमान केंद्र की पहली वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस अवसर पर जीएसआई के महानिदेशक असित साहा, पश्चिम बंगाल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डब्ल्यूबीएसडीएमए) की विशेष सचिव प्रियंका सिंगला, विभिन्न सहयोगी संस्थाएं और जीएसआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इस आयोजन की जानकारी भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने दी है।
एक साल में मिली बड़ी उपलब्धियां
पीआईबी के अनुसार, बीते एक वर्ष में जीएसआई ने भूस्खलन पूर्व चेतावनी सिस्टम को और अधिक उन्नत बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इस सिस्टम के अंतर्गत आठ भूस्खलन संभावित राज्यों के 21 जिलों (18 परीक्षण के रूप में और तीन पहले से क्रियाशील) में पूर्वानुमान बुलेटिन जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इन स्थानों पर विश्वस्तरीय आपदा पूर्वानुमान और प्रबंधन तकनीक को लागू किया जाएगा।
इस विशेष उपलब्धि के लिए एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया है, जिसमें राज्य सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, विश्वविद्यालयों और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। कार्यशाला में भविष्य की रणनीति, तकनीकी अनुसंधान और भूस्खलन से बचाव व जोखिम में कमी लाने पर चर्चा भी की जाएगी।
जीएसआई ने विज्ञान और नवाचार के माध्यम से अपनी पूर्वानुमान क्षमताओं को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया है। यह वार्षिक आयोजन एक वर्ष की प्रगति का प्रतीक है और भविष्य में एक सुरक्षित व सशक्त समाज के निर्माण के प्रति सहयोगिता को दर्शाता है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
