Jammu & Kashmir

भारतीय सेना ने गन हिल अभियान चलाया – भारतीय तोपखाने की वीरता को दी श्रद्धांजलि

भारतीय सेना ने गन हिल अभियान चलाया - भारतीय तोपखाने की वीरता को श्रद्धांजलि

कारगिल, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) । कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ के महत्वपूर्ण अवसर पर भारतीय सेना ने गन हिल (प्वाइंट 5140) पर एक ऐतिहासिक अभियान चलाकर अपने बहादुर गनर्स की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि दी । 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान द्रास सेक्टर में एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोटी पर फिर से कब्ज़ा किया गया।

यह भावनात्मक रूप से गूंजने वाला और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण अभियान भारतीय सेना के 87 बहादुर सैनिकों द्वारा किया गया था जिसमें 10 आर्टिलरी इकाइयों के 20 गनर्स शामिल थे जिन्होंने ऑपरेशन विजय के दौरान गन हिल पर कब्ज़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

लद्दाख के द्रास सेक्टर में स्थित गन हिल (प्वाइंट 5140) कारगिल संघर्ष के दौरान भारतीय सेना द्वारा पुनः प्राप्त की गई पहली प्रमुख ऊंचाइयों में से एक थी। इसके पुनः प्राप्त होने से गति में एक निर्णायक बदलाव आया और यह भारत के संकल्प और परिचालन उत्कृष्टता का प्रतीक बन गया। गन हिल की लड़ाई के दौरान आर्टिलरी रेजिमेंट द्वारा निभाई गई निर्णायक भूमिका के सम्मान में 2023 में इस पहाड़ी का नाम गन हिल रखा गया।

अभियान के साथ-साथ कर्नल (तत्कालीन कैप्टन) राजेश अधाऊ भी चल रहे थे जिन्होंने 13 जम्मू और कश्मीर राइफल्स के साथ रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर के रूप में काम किया था और ऑपरेशन विजय के दौरान उसी यूनिट के सूबेदार (तत्कालीन लांस नायक) केवल सिंह ने भाग लेने वाले सैनिकों को भारतीय तोपखाने के वर्चस्व की गाथा सुनाई जिससे सभी में गर्व की भावना पैदा हुई। इस यात्रा ने न केवल अपने शहीद नायकों की स्मृति को संरक्षित करने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि की बल्कि राष्ट्र के लिए प्रेरणा और गौरव का स्रोत भी बनी।

भारतीय सेना अपने समर्पण के साथ राष्ट्र की रक्षा करती रहती है गन हिल अभियान जैसे स्मरणोत्सव भारत की संप्रभुता के लिए किए गए बलिदानों की मार्मिक याद दिलाते हैं। स्मरण के इस कार्य के माध्यम से कारगिल की भावना जीवित रहती है – जो कृतज्ञ राष्ट्र के दिलों में हमेशा के लिए अंकित हो जाती है।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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