Jammu & Kashmir

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकवाद के दुष्प्रचार की कड़ी निंदा की-गौरव

जम्मू, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रवक्ता गौरव गुप्ता ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ और दुष्प्रचार का पर्दाफाश किया है और जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 60वें सत्र के दौरान अल्पसंख्यकों पर स्विट्ज़रलैंड की ओछी टिप्पणियों का कड़ा और सम्मानजनक खंडन किया है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के सलाहकार क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान को दुष्प्रचार और आतंक का आदी एक विफल देश करार दिया। उन्होंने मंच को याद दिलाया कि भारत को आतंकवाद के प्रायोजक से कोई सबक नहीं चाहिए अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाले से कोई उपदेश नहीं चाहिए, और अपनी विश्वसनीयता का दिखावा करने वाले देश से कोई सलाह नहीं चाहिए।

त्यागी ने ज़ोर देकर कहा भारत अपने नागरिकों की अटूट प्रतिबद्धता के साथ रक्षा करता रहेगा। हम बिना किसी समझौते के अपनी संप्रभुता की रक्षा करेंगे। और हम बार-बार एक असफल राष्ट्र के व्यापक छल को उजागर करते रहेंगे जिसका अस्तित्व आतंक और त्रासदी के व्यापार पर निर्भर करता है।

गुप्ता ने कहा कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं। पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में हुई अभूतपूर्व राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति अपने आप में भारत सरकार में लोगों के विश्वास का प्रमाण है और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की विफलता का प्रमाण है।

भारत ने अल्पसंख्यकों पर स्विट्जरलैंड की टिप्पणियों के लिए उसकी भी कड़ी आलोचना की। त्यागी ने इस टिप्पणी को आश्चर्यजनक, सतही और अज्ञानतापूर्ण बताया और ज़ोर देकर कहा कि यूएनएचआरसी अध्यक्ष होने के नाते स्विट्जरलैंड को परिषद का समय सरासर झूठे बयानों से बर्बाद करने से बचना चाहिए। इसके बजाय भारत ने स्विट्जरलैंड से आग्रह किया कि वह अपने भीतर झाँके और नस्लवाद, व्यवस्थित भेदभाव और विदेशी-द्वेष जैसी अपनी चुनौतियों का समाधान करे।

गुप्ता ने कहा कि यह दृढ़ रुख अपनी संप्रभुता, गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। वैश्विक मंचों पर भारत को बदनाम करने के प्रयास राजनीति से प्रेरित, भ्रामक और ज़मीनी हक़ीक़त से कोसों दूर हैं।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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