

नई दिल्ली, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को भारत में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के विकास में तेजी लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से तत्काल, समन्वित कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर देश तेजी से विस्तार करने में विफल रहा, तो उसे अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त खोने का खतरा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। सीतारमण ने इस क्षेत्र के तेज विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2015 और 2024 के बीच 1,000 नए जीसीसी जोड़े गए हैं, लेकिन कहा कि भारत आत्मसंतुष्ट नहीं हो सकता। उन्होंने अपने संबोधन में राज्यों, उद्योग से आग्रह करते हुए कहा, भारत लौटने वाले लोग अब यहीं रुक रहे हैं क्योंकि उन्हें यहां उच्च-स्तरीय अवसर उपलब्ध दिख रहे हैं।
सीआईआई शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं से कहा, हमें पूरे प्रशासनिक और शासन तंत्र को ऊपर से नीचे तक, सुचारू रूप से चलाने की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर जगह एक जैसी ऊर्जा बनी रहे। वित्त मंत्री ने राज्यों और स्थानीय प्रशासनों से केंद्र के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया और संस्थागत शासन तंत्र की आवश्यकता बताई जो नीतिगत लाभों को ज़िला स्तर तक पहुंचा सके।
उन्होंने आगे कहा कि…यदि वैश्विक जीसीसी (वैश्विक क्षमता केंद्र) प्रतिभा का 32 फीसदी वर्तमान में भारत में स्थित है, तो सरकार ने ऐसे संस्थान भी स्थापित किए हैं जो जीसीसी के रूप में आपकी आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं…मुझे खुशी है कि जीसीसी कार्यबल में लगभग 35 फीसदी महिला भागीदारी है…अन्य देशों की तुलना में हमारी प्रतिभा अधिक लागत प्रभावी है। यूके, यूएस या ऑस्ट्रेलिया की तुलना में भारत में लागत 30-35 फीसदी कम है…।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
