


– बैंकों से एमएसएमई को ऋण देने और एनबीएफसी-पीएसबी संबंधों को मजबूत करने का आग्रह
पुणे, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत अपने मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी पहलुओं के दम पर जुझारूपन दिखाने में सफल रहा है। उन्होंने बैंकों से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को ऋण देने को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।
वित्त मंत्री ने आज यहां बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 91वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में वैश्विक माहौल में अनिश्चितता बढ़ी है और उसका असर विभिन्न देशों पर महसूस किया जा रहा है। सीतारमण ने बैंकों से एमएसएमई को ऋण देने को बढ़ावा देने का आग्रह किया और एनबीएफसी और पीएसबी के बीच गहन, संस्थागत सहयोग का आह्वान किया। इस अनिश्चित वैश्विक परिवेश के बीच भारत का लचीलापन स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। भारत का लचीलापन आकस्मिक नहीं है। ये पिछले दशक में सक्रिय राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों, साहसिक संरचनात्मक सुधारों, भौतिक और डिजिटल दोनों तरह के बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के निर्माण, बेहतर शासन और बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाते हैं।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि कोरोना महामारी के बाद भारत ने मजबूती से वापसी की और वित्त वर्ष 2021-22 से वित वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग 8 फीसदी की औसत वार्षिक वृद्धि दर्ज की। उन्होंने कहा कि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। यह आर्थिक लचीलापन जारी रहा है, जिससे चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.8 फीसदी की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल रेटिंग्स एसएंडपी ने 18 वर्षों के बाद पिछले माह अगस्त में भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘बीबीबी’ (बीबीबी-से) कर दिया और मॉर्निंगस्टार डीबीआरएस ने मई 2025 में भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को बीबीबी (निम्न) से ‘बीबीबी’ कर दिया है। इसके अलावा हाल ही में जापानी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी रेटिंग एंड इन्वेस्टमेंट इंफॉर्मेशन, इंक. (आरएंडआई) ने भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘बीबीबी’ से ‘बीबीबी+’ कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
