
– शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित होगा सैन्य अभ्यास
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास ’ऑस्ट्राहिंद’ का चौथा संस्करण मंगलवार से ऑस्ट्रेलिया में शुरू हुआ। इसमें हिस्सा लेने के लिए भारतीय सेना की 120 कर्मियों वाली टुकड़ी ऑस्ट्रेलिया गई है। इस अभ्यास का उद्देश्य विविध परिचालन परिवेशों में दोनों सेनाओं की अंतर-संचालन क्षमता, संयुक्त योजना और कार्यान्वयन क्षमताओं को बढ़ाना है। इरविन बैरक में 26 अक्टूबर तक होने वाला संयुक्त अभ्यास शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित होगा।
सैन्य प्रवक्ता के अनुसार इस अभ्यास में भाग लेने वाले दल संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों से लिए गए परिदृश्यों का भी अभ्यास करेंगे। जैसे-जैसे अभ्यास आगे बढ़ेगा, सैनिक व्यापक सामरिक युद्धाभ्यास, संयुक्त मिशन योजना और क्षेत्रीय प्रशिक्षण अभ्यासों में शामिल होंगे, जिन्हें परिचालन तालमेल का परीक्षण और परिशोधन करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस बातचीत से दोनों सेनाओं के बीच आपसी समझ और स्थायी सौहार्द को बढ़ावा मिलेगा। यह अभ्यास क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता के प्रति भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं की साझा प्रतिबद्धता में दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की नींव को और मजबूत करेगा।
ऑस्ट्रेलिया में संयुक्त सैन्य अभ्यास ’ऑस्ट्राहिंद’ में भाग लेने के लिए भारतीय सेना की 120 कर्मियों वाली एक टुकड़ी पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) में इरविन बैरक के लिए रविवार को रवाना हुई थी। भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व गोरखा राइफल्स की एक बटालियन कर रही है, जिसमें अन्य टुकड़ियों के चयनित सैनिक भी शामिल हैं। इस वार्षिक अभ्यास का उद्देश्य आपसी सैन्य सहयोग को बढ़ाना, आपसी सहभागिता में सुधार करना और शहरी, अर्ध-शहरी इलाकों में उप-पारंपरिक युद्ध के क्षेत्र में रणनीति, तकनीक तथा प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से भाग लेने वाली सेनाओं के लिए एक मंच प्रदान करना है।
यह अभ्यास खुले एवं अर्ध‑रेगिस्तानी क्षेत्रों में कंपनी‑स्तर के संयुक्त परिचालन पर केन्द्रित होगा। इसमें सामरिक अभ्यास, विशेष हथियारों के कौशल और विविध मिशनों का प्रभावी संचालन शामिल है। यह अभ्यास संचालनात्मक क्षमताओं को परिष्कृत करने, उभरती प्रौद्योगिकियों के समेकन का परीक्षण करने तथा वास्तविक युद्ध परिस्थिति में संयुक्त क्रियान्वयन की दक्षता बढ़ाने का भी मौका देगा। अभ्यास ऑस्ट्राहिंद में भागीदारी से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा सहयोग को नई गति मिलेगी, साथ ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी सौहार्द, समन्वय एवं विश्वास की भावना को भी बल मिलेगा। —————-
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
