
अररिया, 16 सितम्बर (Udaipur Kiran) । शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंगलवार को बिहार में सनातनी राजनीति का शंखनाद किया। उन्होंने बिहार में सभी विधानसभा क्षेत्रों में गौ-सेवकों और गौ-भक्तों को प्रत्याशी रूप में खड़ा करने का ऐलान किया।
बिहार के अररिया में आयोजित गौ मतदाता संकल्प यात्रा के क्रम में उन्होंने गौ रक्षकों और भक्तों से मुलाकात की, साथ ही पत्रकारों के साथ वार्ता की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में गौ भक्त उनके प्रत्याशी होंगे। वे गौ भक्तों के पक्ष में प्रचार करेंगे और सनातनी हिन्दुओं से गौ माता को राष्ट्र माता घोषित कराने के लिए गौ भक्तों के लिए चुनाव में मतदान की अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद औपचारिक रूप से यह बताया जाएगा कि कौन-कौन उम्मीदवार उनकी तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं।
फारबिसगंज लक्ष्मी नारायण ठाकुरबाड़ी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा तभी संभव है, जब हम गौ माता का संरक्षण करेंगे। गौ रक्षा हमारी आस्था का विषय तो है ही, यह हमारे समाज और संस्कृति की आधारशिला भी है। उन्होंने आग्रह किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में केवल उन्हीं उम्मीदवारों को वोट दें, जो गौ रक्षा को लेकर स्पष्ट और दृढ़ संकल्पित हों।
शंराचार्य ने बताया कि वे सभी राष्ट्रीय पार्टी के दिल्ली कार्यालय पर गये और पूछा कि गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए अपना पक्ष लोकसभा सदन में रखिए और अपने पक्ष को बताइए, लेकिन अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपना पक्ष गौ माता के विषय में नहीं बताया। इसलिए उन्हें मजबूरी में बिहार विधानसभा चुनाव में गौ भक्त प्रत्याशी उतारना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि जो सच्चे सनातनी हैं, वह राजनीति को लफड़ा समझते हैं और राजनीति करने वाले लोग उनके सामने आ जाते हैं, तो उन्हें अपने में गिना लेते हैं, जबकि भारत में कोई भी राजनीतिक दल ऐसा नहीं है, जो सनातनी राजनीति करता हो। कुछ राजनीतिक दल अपने को सनातनी कह तो रहे हैं, लेकिन उनका आचरण सनातनी नहीं है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि यदि कोई पार्टी अपने आप को सनातनी कह रही है, तो फिर गौ हत्या क्यों हो रही? गंगा क्यों बांटी जा रही? हिन्दू धर्म का अपमान जगह-जगह क्यों हो रहा है? ऐसा इसलिए क्योंकि वे केवल वेशभूषा बनाकर अपने को हिन्दू कह रहे, लेकिन उनका आचरण हिन्दू वाला नहीं है।
शंकराचार्य ने कहा कि राजनीतिक दल गौ हत्या करने वालों से चंदा ले रहे हैं। इसलिए कुछ नहीं कह रहे। पशु वधशाला के लिए लाइसेंस और सब्सिडी दी जा रही। अररिया पहुंचने पर पता चला कि यहां गौ हत्या नहीं रुक रही। पहले एक पशु वधशाला था और अब तीन से चार पशु वधशाला हो गए हैं। गो हत्या के नाम पर राजनीति हो रही है, लेकिन गाय को बचाने के लिए राजनीति नहीं हो रही।————–
(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर
