
जयपुर, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार की ओर से मुकदमों का आपसी राजीनामे से निपटाने में भूमिका निभाने वाले मध्यस्थों को मिलने वाले मानदेय में बढोतरी की है। इस संबंध में हाईकोर्ट की मध्यस्थ एवं सुलह प्रोजेक्ट कमेटी की ओर से मानदेय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को तीन साल पहले अपनी सिफारिश भेजी थी।
मध्यस्थ को अब मुख्य प्रकरण के सफल निपटारे के लिए सात हजार रुपये प्रति प्रकरण एवं इससे जुड़े प्रत्येक संबंधित प्रकरण के लिए एक हजार रुपये मिलेंगे। जिसकी अधिकतम सीमा नौ हजार रुपये तक होगी। वहीं प्रकरण का निपटारा नहीं होने पर एकमुश्त तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। पूर्व में सफल निपटारा होने पर मध्यस्थ को तीन हजार रुपये का मानदेय दिया जाता था। प्राधिकरण के सदस्य सचिव हरिओम अत्री ने बताया कि मानदेय में यह वृद्धि मध्यस्थ को उनके प्रयासों के लिए उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करेगी और इससे मध्यस्थता प्रक्रिया और अधिक सुदृढ बनेगी।
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(Udaipur Kiran)
