

भीलवाड़ा, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । भीलवाड़ा में इनकम टैक्स विभाग की बड़ी कार्रवाई मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। जयपुर और दिल्ली से आई विशेष आईटी टीम ने कोतवाली थाना क्षेत्र के गुर्जर मोहल्ले में दबिश दी। यहां रहने वाले महेश नामक व्यक्ति के घर पर सर्च किया गया। महेश लंबे समय से एकाउंट्स और टैक्स से जुड़ी सर्विस प्रोवाइड कर रहा था तथा उसे राजनीतिक दलों को डोनेशन के लेन-देन में मीडियेटर की भूमिका निभाने वाला माना जा रहा है।
सोमवार को भीलवाड़ा के चंद्रशेखर आजाद नगर में बाकलीवाल पिता-पुत्र के यहां छापेमारी शुरू की गई थी। टीम को यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले जिन्हें खंगाला जा रहा है। मॉरीशस के माध्यम से इंटर आर्क बिल्डिंग सॉल्यूशन लिमिटेड नामक कंपनी में भारी भरकम निवेश किया गया था। इनकम टैक्स विभाग को शक है कि यह निवेश ब्लैक मनी से जुड़ा हुआ है, जिसे भारत में टैक्स बचाने के लिए भेजा गया।
आईटी विभाग की जांच का दायरा केवल भीलवाड़ा तक सीमित नहीं रहा। इससे पहले दिल्ली, मुंबई, नोएडा और दौसा में भी छापेमारी की गई थी। विभाग की नजर इस पूरे नेटवर्क पर है, जिसके माध्यम से कथित रूप से विदेश से आए फंड को राजनीतिक डोनेशन और विभिन्न कंपनियों में निवेश के जरिए खपाया जा रहा था। मंगलवार को गुर्जर मोहल्ले में पहुंचे आईटी अधिकारियों का दल पांच गाड़ियों में आया। स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में महेश के घर के भीतर घंटों तक तलाशी ली गई। महेश की भूमिका एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि वह अकाउंटिंग और टैक्स कंसल्टेंसी के नाम पर ऐसे कई लेन-देन में शामिल रहा है। उसके घर से भी कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं। दूसरी ओर, मुंबई में अंकुर नामक व्यक्ति से दूसरे दिन भी लगातार पूछताछ चल रही है। आईटी अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले में ब्लैक मनी के जरिए भारत में किए गए निवेश की असलियत सामने लाना प्राथमिकता है।
आज यह भी सामने आया है कि कथित रूप से मॉरीशस की कंपनियों के जरिए भारत में पैसा भेजा गया और फिर उसे निर्माण और अन्य सेक्टरों में निवेश के रूप में दिखाया गया। यदि यह साबित हो जाता है कि यह ब्लैक मनी है, यह एक बड़ा घोटाला माना जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा और दौसा में हुई ताजा कार्रवाई से स्पष्ट है कि विभाग इस केस को लेकर बेहद गंभीर है। आने वाले दिनों में और भी लोगों पर शिकंजा कस सकता है। राजनीतिक फंडिंग और विदेशी निवेश के इस जटिल जाल में कई नाम सामने आ सकते हैं। आईटी विभाग की कार्रवाई से स्थानीय स्तर पर भी हलचल मच गई है। गुर्जर मोहल्ले और चंद्रशेखर आजाद नगर में दिनभर लोगों की भीड़ जमा रही। लोग चर्चा करते रहे कि आखिर किन-किन बड़े नामों तक यह जांच पहुंचेगी।
—————
(Udaipur Kiran) / मूलचंद
