RAJASTHAN

आयुर्वेद में ऑनलाइन बाल पंचकर्म प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम का शुभारंभ

jodhpur

जोधपुर, 10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीटयूट आफ आयुर्वेद, स्नातकोत्तर विभाग कौमारभृत्य द्वारा सेमी-ऑनलाइन एक माह का बाल पंचकर्म प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम 2025-26 का शुभारंभ आज किया गया। पाठ्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति एवं पूर्व कुलपति प्रो. वैद्य बनवारी लाल गौड़ ने संयुक्त रूप से किया।

इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली, बदलते परिवेश और खान-पान की असंतुलित आदतों के कारण बच्चों में रोगों की संख्या और जटिलताएं तेजी से बढ़ रही हैं। विशेषकर न्यूरोलॉजिकल और बिहेवियरल विकार, एलर्जी, मोटापा तथा जीवनशैली से जुड़े रोग अब शैशव और किशोरावस्था में ही देखने को मिल रहे हैं। ऐसे समय में आयुर्वेद के सिद्धांतों पर आधारित बाल पंचकर्म चिकित्सा बच्चों के लिए न केवल रोग निवारक सिद्ध हो सकती है, बल्कि उनके समग्र शारीरिक और मानसिक विकास में भी सहायक है। पूर्व कुलपति प्रो. वैद्य बनवारी लाल गौड़ ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयुर्वेद के युवा विद्यार्थियों और चिकित्सकों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। कौमारभृत्य विभागाध्यक्ष प्रो. हरीश कुमार सिंघल ने बताया कि यह पाठ्यक्रम छह नवम्बर से पांच दिसम्बर तक आयोजित होगा, जिसमें तीन सप्ताह ऑनलाइन कक्षाएं तथा एक सप्ताह प्रत्यक्ष प्रशिक्षण जोधपुर में दिया जाएगा। कोर्स समन्वयक डा. दिनेश राय ने बताया कि इस पाठ्यक्रम में प्रतिभागियों को बाल पंचकर्म की समग्र जानकारी, ऑनलाइन व्याख्यान, लाइव प्रदर्शन, प्रत्यक्ष प्रशिक्षण एवं विश्वविद्यालय के ओपीडी/आईपीडी में क्लिनिकल अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए पात्रता बीएएमएस, एमडी, एमएस, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, पंजीकृत निजी आयुर्वेद चिकित्सक तथा बीएएमएस अंतिम वर्ष के विद्यार्थी रखी गई है। आवेदन की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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