जम्मू, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । वीरता, बलिदान और अटूट देशभक्ति को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए पद्मश्री पद्मा सचदेव राजकीय महिला महाविद्यालय गांधीनगर में अपनी तरह के पहले बाधा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के उद्घाटन के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई। यह महत्वपूर्ण अवसर एनसीसी प्रशिक्षण और शैक्षिक अवसंरचना के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन था,जो विरासत, नेतृत्व और शिक्षा के संगम का प्रतीक है।
मेजर आकाश सिंह – एक प्रखर विद्वान, उत्साही एनसीसी कैडेट और मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के बहादुर अधिकारी – 1999 में कमीशन प्राप्त हुए थे और उन्होंने 2009 में मेंढर सेक्टर में ऑपरेशन रक्षक के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने अपने अंतिम क्षणों में भी आतंकवादियों का सफाया करके सर्वोच्च साहस और समर्पण का परिचय दिया। उनकी वीरता और सर्वोच्च बलिदान की कहानी आज भी युवाओं को प्रेरित करती है।
समारोह को संबोधित करते हुए मेजर जनरल अनुपिंदर बेवली वीएसएम ने कैडेटों से मेजर आकाश के दृढ़ संकल्प का अनुकरण करने का आह्वान किया और उन्हें सम्मान, परिश्रम और निष्ठा के साथ उनके मार्ग पर चलने का आग्रह किया। उनके प्रेरक शब्दों ने सभी कैडेटों में देशभक्ति की ज्वाला को फिर से प्रज्वलित कर दिया और सभी को याद दिलाया कि सच्ची ताकत केवल शरीर में ही नहीं बल्कि हृदय की अटूट इच्छाशक्ति में निहित है।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि बाधा प्रशिक्षण जो एनसीसी पाठ्यक्रम का एक अभिन्न अंग है लचीली मानसिकता, सहयोगात्मक प्रवृत्ति और हर गिरावट के बाद फीनिक्स पक्षी की तरह उठने का साहस विकसित करता है।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
