
सवाई माधोपुर, 9 जुलाई (Udaipur Kiran) । रणथम्भौर दुर्ग क्षेत्र में टाइगर मूवमेंट लगातार बना हुआ है। बीते महीने के अंतिम सप्ताह में भी दुर्ग में टाइगर की उपस्थिति दर्ज की गई थी। इसके बाद जुलाई के पहले सप्ताह में श्रद्धालुओं को दुर्ग में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। हालांकि, बुधवार को एक बार फिर श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के रेंज ऑफ टाइगर प्रोजेक्ट रेंजर अश्वनी प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि बुधवार सुबह टाइगर टी-120, जिसे ‘गणेश’ नाम से जाना जाता है, के दुर्ग क्षेत्र में होने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना के बाद वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और टाइगर मूवमेंट की पुष्टि की।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रभाव से दुर्ग में प्रवेश बंद कर दिया गया है। रेंजर सिंह ने बताया कि जैसे ही टाइगर जंगल की ओर लौटेगा, दुर्ग में पुनः दर्शन के लिए प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। श्रद्धालुओं का कहना है कि दुर्ग की क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। दीवारों की मरम्मत का टेंडर स्वीकृत हो चुका है और कुछ हिस्सों में काम शुरू भी हो गया है, लेकिन जिन स्थानों से टाइगर आसानी से दुर्ग में प्रवेश कर रहा है, उन पर अभी तक कोई कार्य नहीं किया गया है। यदि इन संवेदनशील स्थानों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर की जाए तो बाघ के मूवमेंट को रोका जा सकता है। श्रद्धालुओं ने एक और खतरे की ओर इशारा किया है। दुर्ग के परिक्रमा मार्ग स्थित सतपोल गेट के समीप एक छोटा दरवाज़ा है, जो जंगल से जुड़ता है। यहां भी टाइगर की मौजूदगी देखी गई है। बताया गया है कि बाघ इसी रास्ते से दुर्ग में प्रवेश करता है। श्रद्धालुओं ने वन विभाग से इस छोटे दरवाजे को तुरंत बंद करने की मांग की है।
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(Udaipur Kiran)
