Madhya Pradesh

उज्जैन में बेटा-बहू की बेरहमी: वृद्ध दंपत्ति को घर से निकाला, पुलिस ने दोनों को जेल भेजा

उज्जैन, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । संस्कारों और पारिवारिक मूल्यों की धरती उज्जैन में मंगलवार को दो चौंकाने वाली घटनाएं सामने आईं, जिन्होंने रिश्तों की मर्यादा को झकझोर दिया। पहली घटना में ग्राम गोयला के एक वृद्ध दंपत्ति को उनके ही बेटे-बहू ने घर से निकालकर खाना देना बंद कर दिया, जबकि दूसरी घटना में ग्राम नलेसरी में एक बेटे ने जमीन विवाद को लेकर अपने 65 वर्षीय पिता की बेरहमी से पिटाई कर दी। दोनों ही मामलों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

ग्राम गोयला, उन्हेल रोड निवासी सेवाराम आंजना और उनकी पत्नी अपने बेटे कमल और बहू राधा के साथ रहते थे। कुछ समय से दोनों बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना का सिलसिला चल रहा था। आरोप है कि बेटे-बहू ने उन्हें भोजन देना बंद कर दिया और फसल में से हिस्सा मांगने पर घर से निकाल दिया। भूख और अपमान से व्यथित होकर वृद्ध दंपत्ति भेरूगढ़ थाने पहुंचे और बेटे-बहू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कमल और राधा को गिरफ्तार किया। दोनों को बुधवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

भेरूगढ़ थाना प्रभारी के अनुसार, “वृद्ध दंपत्ति की शिकायत के बाद हमने दोनों आरोपियों के खिलाफ वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। माता-पिता की सेवा करना संतान का कर्तव्य है, और जो ऐसा नहीं करते, उन्हें कानून सजा देगा।” स्थानीय लोगों ने भी इस मामले में आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि समाज में मिसाल कायम हो सके।

दूसरी घटना कायथा के समीप ग्राम नलेसरी की है, जहां 65 वर्षीय अजीज पिता नमीर बश को उनके ही बेटे इमरान ने जमीन विवाद को लेकर पीट-पीटकर घायल कर दिया। घटना के बाद गंभीर हालत में अजीज को चरक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अस्पताल में भर्ती अजीज ने बताया कि उनका बेटा अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जो पहले ही आठ बीघा जमीन में से चार बीघा धोखे से बेच चुका है। अब वह बाकी जमीन भी हड़पने की कोशिश कर रहा था। जब अजीज ने इसका विरोध किया तो इमरान खेत पर पहुंचा और उन पर हमला कर दिया। अजीज ने बताया कि बेटे के इस व्यवहार से वह काफी दिनों से परेशान हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, इमरान आए दिन विवाद करता है और परिवार के सदस्यों को धमकाता रहता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

लगातार बढ़ रहे पारिवारिक हिंसा के मामले

इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर समाज में बढ़ती पारिवारिक हिंसा और नैतिक पतन की तस्वीर उजागर कर दी है। बुजुर्गों के प्रति अनादर और हिंसा के ऐसे मामलों में कानून सख्त है, लेकिन सामाजिक स्तर पर संवेदनशीलता और संस्कारों की कमी सबसे बड़ी चिंता का विषय बनती जा रही है। समाजसेवी संगठनों ने इन घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में न केवल कानूनी कार्रवाई, बल्कि समाज में जागरूकता अभियान चलाना भी जरूरी है ताकि लोग अपने बुजुर्गों के प्रति संवेदनशील बनें।

पुलिस का सख्त रुख

पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए वरिष्ठ नागरिक संरक्षण अधिनियम के तहत त्वरित कार्रवाई की जा रही है। किसी भी परिवार में यदि बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार या हिंसा होती है, तो संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कर तुरंत कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

उल्‍लेखनीय है कि इन दोनों घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि जब परिवारों में मान-सम्मान और संवेदना खत्म हो जाती है, तो रिश्ते केवल नाम के रह जाते हैं। समाज को ऐसे मामलों से सबक लेकर अपने बुजुर्गों के सम्मान और सुरक्षा के लिए आगे आना होगा।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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