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पर्यटन सम्मेलन में विदेश मंत्री ने कहा, वैश्विक अनिश्चितता में आत्मनिर्भरता ही भारत की मजबूती

नई दिल्ली, 13 अगस्त (Udaipur Kiran) । विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सम्मेलन में कहा कि आज की अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों में भारत को मज़बूत बनाने का आधार आत्मनिर्भरता है। यह वैश्विक चुनौतियों का सामना करने का दृष्टिकोण है। साथ ही आत्मविश्वास बढ़ाने, लचीलापन विकसित करने और विकसित भारत की नींव रखने का भी जरिया है।

फेडरेशन ऑफ एसोसिएशंस इन इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी (फेथ) कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने पर्यटन उद्योग जगत के प्रयासों की सराहना की और उन्हें देश की वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने में अहम साझेदार बताया।

डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की पर्यटन सोच वसुधैव कुटुंबकम (संपूर्ण विश्व एक परिवार) और अतिथि देवो भव (अतिथि देवता समान) की परंपराओं पर आधारित है, जिसने हमारे खुले और स्वागतपूर्ण वैश्विक दृष्टिकोण को आकार दिया है।

डॉ. जयशंकर ने भारतीय पर्यटन एवं आतिथ्य उद्योग के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि पर्यटन भारत की प्रगति और समृद्धि के सफर में अहम भूमिका निभाता है। पर्यटन रोजगार सृजन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विदेशी निवेश को बढ़ावा देता है। उद्योग की प्रतिबद्धता राष्ट्र निर्माण और आर्थिक प्रगति में सीधी भागीदारी निभाती है। हमारी सोच वसुधैव कुटुंबकम और अतिथि देवो भव की परंपराओं पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि भारत के पास गर्व करने के लिए और दुनिया के साथ साझा करने के लिए बहुत कुछ है। हमारी परंपराएं और संस्कृति वैश्विक स्तर पर भारत की पहचान को मजबूत करती हैं।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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