CRIME

निवेश के नाम पर 42.80 लाख की ठगी : जम्मू कश्मीर के व्यक्ति के झांसे में आया युवक

jodhpur

जोधपुर, 11 अगस्त (Udaipur Kiran) । शहर के लूणी स्थित नांदवास गांव में रहने वाले एक युवक को शातिरों ने निवेश के नाम पर 42.80 लाख की ठगी कर ली। चार पांच नामजद युवकों के खिलाफ रिपोर्ट दी गई है। इसमें एक युवक जम्मू कश्मीर का बताया जाता है। उदयमंदिर थाने में इस बाबत रिपोर्ट दी गई है। रूपयों को लेन देन कचहरी परिसर से होना बताया गया है।

उदयमंदिर पुलिस ने बताया कि पुरोहितों की ढाणी नांदवास गांव लूणी निवासी प्रेम सिंह राजपुरोहित पुत्र लालसिंह ने यह रिपोर्ट दी। इसमें बताया कि उसकी पहचान जगती कॉलोनी जम्मू कश्मीर के सुमेर जे. भट्ट उर्फ सुमीर से हुई थी। जिसने निवेश के नाम पर धन को दोगुना होने की बात की थी। जिसके बाद उसने शैलेश रमेश ऑटी और अनुराग चौधरी नाम के शख्स से मिलवाया गया था। इन लोगों को जोधपुर के कोर्ट परिसर में बात हुई थी। तब धन निवेश के नाम पर इन लोगों को अलग अलग किस्‍तों में 42.80 लाख रूपये इंवेस्ट किए गए। मगर बाद में आरोपितों ने टालमटोल जवाब देना शुरू कर दिया। पुलिस ने बताया कि मामला कुछ दिनों पहले का ही है। पीडि़त की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर अब जांच आरंभ की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार पीडि़त प्रेमसिंह को साउथ नॉर्थ लॉजिस्टिक इंडियन नाम की कंपनी में निवेश कर मुनाफा कमाने का लालच दिया। इस पर उसने अपने मुंबई निवासी पार्टनर जयंतीलाल चौधरी से बात की। इसके बाद सुमेर भट्ट और उसकी कंपनी के प्रतिनिधि शैलेश रमेश ओटी ने एक मीटिंग भी करवाई जिसमें दोगुना मुनाफा कमाने का प्रलोभन दिया।

रिपोर्ट के अनुसार पहले भुगतान के तौर पर 15 लाख रुपये दे दिए। बाद में 27 लाख 80 हजार व अंतिम भुगतान के तौर पर 5 लाख रुपये दे दिए। यह सभी रुपये उनके पार्टनर जयंतीलाल की कंपनी जेबी डेवलपर्स के खाते से ऑनलाइन डाले गए। रुपये देने के कई दिन बीतने के बाद भी कंपनी के प्रतिनिधि की ओर से ना तो मुनाफा दिया गया ना ही पैसे वापस लौटाए गए।

कंपनी के प्रतिनिधि शैलेश रमेश ऑटी ने आश्वासन दिया कि पैसा लौटा दिया जाएगा। इसके बाद सुमेर जे भट्ट 10 जुलाई को जोधपुर आया। यहां पर कचहरी परिसर में परिवादी और उसके पार्टनर जयंतीलाल चौधरी के पक्ष में इकरारनामा भी करके दिया।

इस दरमियान कंपनी के प्रतिनिधि शैलेश रमेश ने एक डेवलपर्स के खाते में 500000 की राशि अलग-अलग टुकड़ों में डाली और बकाया रुपए देने से मना कर दिया।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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