


– राज्यपाल ने किया विरासत महोत्सव का शुभारंभ, बोले- तीन दशक तक विरासत को संजोए कर रखना अद्भुत
देहरादून, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । 30 वें ‘विरासत’ आर्ट एंड हेरिटेज महोत्सव-2025 का शनिवार को आगाज हो गया। इस 15 दिवसीय महोत्सव के पहले दिन भारतीय संगीत जगत के प्रसिद्ध सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान के सरोद वादन और सुप्रसिद्ध छोलिया नृत्य के साथ रंगारंग शुरू हुआ। यह महोत्सव 18 अक्टूबर तक चलेगा।
शनिवार शाम कौलागढ़ स्थित डॉ.भीमराव आंबेडकर स्टेडियम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने विरासत महोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि तीन दशक तक निरंतर विरासत को संजोए कर रखना अद्भुत और प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु बनने की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। मानवता के कल्याण के साथ भारत की पहचान पूरे विश्व में अलग है। हमें अपनी संस्कृति को संजोए रखना है। प्रधानमंत्री ने योग को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है,यह हम सभी के लिए गर्व की बात है।
विरासत महोत्सव में पहली शाम उस्ताद अमजद अली खान ने जब वाद यंत्र पर स्वर लहरियों की धून छोड़ी तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। अमजद अली खान ने अपनी स्वयं की संगीतबद्ध राग गणेश कल्याण से शुरुआत की, इसी श्रृंखला में उनकी अगली प्रस्तुति राग देश में एक सुंदर बंदिश थी। आज की शानदार इस महफिल में मशहूर सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान के साथ मंच पर विराजमान हुए कलाकारों फतेह सिंह और मिथिलेश झा ने तबले पर जुगलबंदी की। एक के बाद एक परस्तुतियों से कार्यक्रम में समा बांध दिया।
वहीं दूसरी ओर, अद्भुत एवं लोक कला की विशेष सांस्कृतिक धरोहर में शामिल नृत्य छोलिया की प्रस्तुति आज पहली ही शाम को अमिट छाप हजारों दर्शकों एवं श्रोताओं के मन हृदय में छोड़ गई है I यह छोलिया नृत्य उत्तराखंड राज्य की ही उद्यांचल कला समिति, अल्मोड़ा के 20 सदस्यों चंदन आर्य, नवीन आर्य, दिगर राम, रघुनाथ आर्य, भवान आर्य, मोहन कुमार, राजेश कुमार, दिनेश आर्य, कुंवर राम, ललित कुमार, केशव आर्य, ललित आर्य, नवाजिश, विशाल कुमार, रंजीत कुमार आदि द्वारा पारंपरिक तरीके से प्रस्तुत किया गया I यह छोलिया एक पारंपरिक लोक नृत्य शैली है, जिसकी उत्पत्ति भारतीय राज्य उत्तराखंड और नेपाल के पश्चिमी प्रांत के कुमाऊं मंडल में हुई।
विरासत महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक,रीच संस्था के संस्थापक सदस्य व महासचिव आरके सिंह,संयुक्त सचिव विजयश्री जोशी,उत्तराखंड के महालेखाकार मोहम्मद परवेज आलम,शिल्प निदेशक सुनील वर्मा,मीडिया कोऑर्डिनेटर प्रियवंदा अय्यर, प्रदीप मैथिल उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
