
शिमला, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून का कोहराम जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा रविवार को जारी रेड अलर्ट के बीच आज सुबह से राज्य के अधिकांश हिस्सों में मूसलाधार वर्षा हो रही है। मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि शिमला, सोलन और हमीरपुर सहित 9 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है।
इन 9 जिलों चम्बा, कुल्लू, कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर और मंडी के लोगों को प्रशासन ने अत्यधिक सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की हिदायत दी है।
मंडी में फिर फटा बादल, दो पुलिया बही
इस बीच मंडी जिला में एक बार फिर बादल फटने की घटना ने दहशत फैला दी। पधर उपमंडल की टिक्कन पंचायत के सिलबधानी गांव में बीती देर रात बादल फटा, जिससे स्थानीय नाले में बाढ़ आ गई और दो पुलिया बह गई। गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। डीएसपी पधर देवराज ने इसकी पुष्टि करते हुए आज सुबह बताया कि मौके पर प्रशासन की टीम क्षति का आकलन कर रही है।
बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश कांगड़ा में
मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक वर्षा कांगड़ा जिला के नगरोटा सुरियाँ में 102 मिमी दर्ज की गई। इसके अलावा ऊना में 62 मिमी, धर्मशाला में 61 मिमी, कटुआला और घमरूर में 40-40 मिमी, बरठीं में 38, सुजानपुर टीहरा में 36, भराड़ी में 35, नादौन में 30 और मंडी में 21 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
मौसम विभाग ने आज के लिए कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि 7 जुलाई को बहुत भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 8 से 10 जुलाई तक येलो अलर्ट और 11 व 12 जुलाई को सामान्य बारिश की संभावना जताई है।
राज्य में अभी भी 269 सड़कें और 278 पानी की स्कीमें बंद
लगातार बारिश से राज्यभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक रविवार सुबह तक प्रदेश में 269 सड़कों, 285 बिजली ट्रांसफॉर्मरों और 278 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है। अकेले मंडी जिले में 200 सड़कें, 236 ट्रांसफॉर्मर और 278 जल योजनाएं ठप हैं। यह जिला इस समय सबसे अधिक प्रभावित है।
15 दिनों में 74 मौतें, 37 लापता, 566 करोड़ की क्षति
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार 20 जून से 5 जुलाई के बीच हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और सड़क हादसों में 74 लोगों की मौत हो चुकी है। 115 लोग घायल हुए हैं, जबकि 37 लोग अभी भी लापता हैं। इस अवधि में राज्य को 566 करोड़ रुपये से अधिक की जनधन हानि का सामना करना पड़ा है।
मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है, जहां 30 जून की रात बादल फटने की 12 घटनाओं में 14 लोगों की जान चली गई और 31 लोग लापता हो गए। कांगड़ा जिले में 13 मौतें हुई हैं, जिनमें 7 भूस्खलन और 2 बादल फटने से हुईं।
बर्बाद हुए घर, दुकानें और पशुशालाएं
प्राकृतिक आपदाओं के चलते 19 मकान पूरी तरह ध्वस्त, 93 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त, 213 पशुशालाएं और 21 दुकानें बर्बाद हो चुकी हैं। खेती और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। साथ ही 10,000 पोल्ट्री पक्षी और 253 मवेशी मारे गए हैं।
बारिश जनित हादसों में भी गई कई जानें
फिसलन भरी सड़कों और कमजोर पुलों के चलते सड़क हादसों में अबतक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें चम्बा में 6, मंडी, बिलासपुर और कुल्लू में 3-3 लोगों की मौत हुई है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
