Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में राशन कार्ड की जांच में अब तक एक लाख 93 हजार 67 फर्जी सदस्यों के नाम काटे गए

राशन कार्ड की जांच

रायपुर, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । छत्तीसगढ़ में खाद्य विभाग की ओर से शुरू किए गए राशन कार्ड की जांच के मामले में भौतिक सत्यापन अभियान में एक लाख 93 हजार 67 फर्जी सदस्य चिन्हांकित कर उनके नाम काट दिए गए हैं। इसमें अभी तक रायपुर राजधानी सबसे अधिक 19,574 , जबकि दुर्ग जिले में 18,112 फर्जी सदस्य शामिल हैं ।खाद्य विभाग का लक्ष्य है कि 31 अक्टूबर तक सभी जिलों का सत्यापन पूरा कर लिया जाए। विभागीय जानकारी के अनुसार प्रदेश में लगभग 82 लाख 63 हजार 666 राशनकार्ड जारी किए गए हैं। इसमें पंजीकृत सदस्यों की संख्या 2 करोड़ 73 लाख 61 हजार 287 सदस्य है। वहीं, रायपुर जिले में 6 लाख 45 हजार 628 कार्ड जारी किए गए हैं।

खाद्य विभाग के नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के 31 अक्टूबर तक सभी जिलों के राशन कार्डों का भौतिक सत्यापन किया जाना है ।अभी तक राशन कार्डों के भौतिक सत्यापन में 46 लाख से अधिक सदस्य संदिग्ध पाए गए हैं ।इनमें बड़ी संख्या ऐसे परिवारों की है, जिन्होंने डुप्लीकेट आधार कार्ड, मृत व्यक्तियों के नाम और फर्जी दस्तावेजों से राशन कार्ड में सदस्य जोड़ रखे थे।

वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत केंद्र सरकार ने प्रत्येक राशनकार्ड सदस्यों की ई-केवाइसी कराना अनिवार्य किया गया है। ये नियम उचित मूल्य दुकानों में खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता लाने के साथ फर्जीवाड़ा रोकने एवं पात्र हितग्राही को ही खाद्यान्न मिले, इसके मद्देनजर लागू किया है। इससे ही प्रदेश के लाखों सदस्य जो बगैर केवाइसी कराए खाद्यान्न उठा रहे थे

अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सरगुजा में 15,626, बलौदाबाजार में 13,833, महासमुंद में 13,308, धमतरी में 10,937 और कवर्धा में 9,987 में बड़ी संख्या में नाम हटाए गए है । दूसरी ओर गरियाबंद में 7,027 और कांकेर में 7,669 ,जशपुर में 9,727, बालोद 8,925 और बेमेतरा में 8,641 संख्या फर्जी सदस्यों वाले राशन कार्डों का पता चला है ।

खाद्य विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि जिन परिवारों का ई-केवाईसी पूरा नहीं हुआ है, उनका घर-घर भौतिक सत्यापन कराया जाए। इसके लिए पटवारी, पंचायत सचिव, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। यदि कोई सदस्य गलत या अपात्र पाया जाता है तो उसका नाम तत्काल हटाया जा रहा है। विभाग का लक्ष्य है कि 31 अक्टूबर तक सभी जिलों का सत्यापन पूरा कर लिया जाए।

(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा

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