HEADLINES

शताब्दी वर्ष में संघ प्रमुख का दिल्ली, मुंबई समेत 4 शहरों में होगा विशेष संवाद कार्यक्रम

दिल्ली के केशवकुंज में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते सुनील आंबेकर।

-दिल्ली में तीन दिवसीय प्रांत प्रचारक बैठक शुक्रवार से, शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर होगी विस्तृत चर्चा

नई दिल्ली, 3 जुलाई (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में देश के चार प्रमुख शहरों- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता में संघ प्रमुख का विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित करेगा। इसमें समाज के प्रमुख लोगों को भी आमंत्रित किया जाएगा। यह संवाद कार्यक्रम वर्ष 2018 में दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम की तर्ज पर किया जाएगा।

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरुवार को केशवकुंज में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। केशवकुंज में शुक्रवार (4 जुलाई) से शुरू हो रही संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक से एक दिन पहले आंबेकर ने बताया कि शताब्दी वर्ष में संघ के स्वयंसेवक 20 दिन का गृह संपर्क अभियान भी चलाएंगे। इस दौरान घर-घर जाकर साहित्य के माध्यम से संवाद साधेंगे। यह अभियान नवंबर के बाद शुरू होगा। उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष के तहत देशभर में खंड, बस्ती और मंडल स्तर पर हिंदू सम्मेलन, सामाजिक सद्भाव बैठकें, नागरिक गोष्ठियां और विशेष संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस वर्ष की विजयादशमी को नागपुर में मुख्य कार्यक्रम होगा, जिसमें सरसंघचालक उपस्थित रहेंगे।

आंबेकर ने बताया कि अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में संगठनात्मक समीक्षा, आगामी योजनाओं तथा संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) की व्यापक तैयारियों पर विशेष चर्चा की जाएगी। यह शताब्दी वर्ष आगामी विजयादशमी (2 अक्टूबर 2025) से प्रारंभ होकर विजयादशमी 2026 तक चलेगा। प्रांत प्रचारक बैठक में संघ के कुल 233 पदाधिकारी शामिल होंगे। इसमें प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक और विविध संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री भाग लेंगे।

बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, सी.आर. मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त, आलोक कुमार और अतुल लिमये सहित सभी विभाग प्रमुख एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहेंगे। साथ ही संघ प्रेरित 32 संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री भी भाग लेंगे।

संघ की इस वार्षिक बैठक को संगठनात्मक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें अगले वर्ष की दिशा, कार्यक्रम और समाज में प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करने की रणनीति तय की जाएगी।

—————

(Udaipur Kiran) / पवन कुमार

Most Popular

To Top