
नई दिल्ली, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ब्रिक्स आउटरीच सत्र में जलवायु न्याय और वैश्विक सहयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि जलवायु न्याय कोई विकल्प नहीं बल्कि नैतिक दायित्व है। ऐसे में प्रभावी जलवायु कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विकासशील देशों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और किफायती वित्तपोषण की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में शिखर सम्मेलन के दौरान ‘पर्यावरण, कॉप30 और वैश्विक स्वास्थ्य’ पर केंद्रित ब्रिक्स आउटरीच सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, भारत समय से पहले पेरिस समझौते की अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला पहला देश था।
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए यह सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं। भारत की प्राचीन संस्कृति में यह गहराई से समाये हुए विषय हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन केवल ऊर्जा का मुद्दा नहीं है, बल्कि जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन की आवश्यकता को दर्शाता है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भारत के प्रयासों की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने कई पहल शुरू की हैं जिनमें मिशन लाइफ़ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली), एक पेड़ माँ के नाम (माँ के लिए पेड़), अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, हरित हाइड्रोजन मिशन, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट्स गठबंधन शामिल हैं।
स्वास्थ्य और पर्यावरण का परस्पर संबंध स्थापित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग और ग्रह आपस में जुड़े हुए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य चुनौतियों की सार्वभौमिक प्रकृति के बारे में कोविड-19 महामारी से मिले सबक का हवाला दिया। इसके जरिए उन्होंने वैश्विक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाने का आह्वान किया।
उन्होंने इस दौरान भारत में स्वास्थ्य पहल आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इसे सबसे बड़े स्वास्थ्य कवरेज कार्यक्रम के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसके अतिरिक्त, मोदी ने स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में पारंपरिक चिकित्सा की भूमिका का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स नेताओं, साझेदार देशों और आउटरीच आमंत्रितों के साथ बातचीत भी की। जिसका समापन रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में एक तस्वीर के साथ हुआ।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
