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बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामले में कोर्ट ने कहा- पुलिस को आरोपित को सबूतों की विषय-वस्तु बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता

नई दिल्ली, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने धौला कुआं इलाके में हुए बीएमडब्ल्यू कांड मामले पर सुनवाई करते हुए कहा है कि आरोपित के कहने पर जांच एजेंसी की ओर से एकत्र किए गए साक्ष्य की सत्यता और उसके कंटेंट बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। जुडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास अंकित गर्ग ने कहा कि कोर्ट ने घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने का आदेश दिया है और एसएचओ से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा जा चुका है।

कोर्ट ने कहा कि एसएचओ से पूछा गया है कि क्या संबंधित सीसीटीवी फुटेज पिलर नंबर 65 और 67 के बीच का है। दरअसल 18 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले की आरोपित गगनदीप कौर की ओर से घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखने की मांग पर कैंटोनमेंट पुलिस थाने के एसएचओ को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने एसएचओ को केस फाइल के साथ तलब किया था।

सुनवाई के दौरान गगनप्रीत कौर की ओर से पेश वकील गगन भटनागर और निखिल कोहली ने कहा कि मीडिया ब्रीफिंग में डीसीपी ने कहा कि घटना की सीसीटीवी फुटेज है और उन्होंने इसे देखी भी है। ये सीसीटीवी फुटेज आरोपी और पीड़ित को दिखाया भी गया था। उन्होंने मांग की की पिलर नंबर 66 और 67 के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की जरूरत है।

कोर्ट ने 17 सितंबर को आरोपित महिला गगनप्रीत कौर की न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ा दिया था। 14 सितंबर को धौला कुआं मेट्रो स्टेशन के पास बीएमडब्ल्यू हादसा हुआ था। हादसे में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी 52 वर्षीय नवजोत सिंह की मौत हो गई थी। इस हादसे में नवजोत सिंह की पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।

गगनप्रीत कौर पर आरोप है कि वो कार चला रही थीं। दिल्ली पुलिस ने 15 सितंबर को गगनप्रीत कौर गिरफ्तार किया था। 15 सितंबर को कोर्ट ने गगनप्रीत कौर को गिरफ्तार किया था। 15 सितंबर को कोर्ट ने आज तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था। दिल्ली पुलिस ने गगनप्रीत कौर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और सबूत मिटाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज किया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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