
नाहन, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जिला सिरमौर के आंजभोज क्षेत्र के भरली गांव में वीर शहीद आशीष कुमार की बहन आराधना (पूजा) का विवाह समारोह रविवार को सैन्य सौहार्द और भावनाओं का अद्वितीय उदाहरण बन गया। इस अवसर पर शहीद की रेजिमेंट के सैनिकों और पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र के भूतपूर्व सैनिक संगठन ने बहन के भाई की जिम्मेदारी का निर्वहन किया और पूरे आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल होकर एक भावुक संदेश दिया कि “सैनिक परिवार अपने नायकों के परिजनों को कभी अकेला नहीं छोड़ता।”
शादी समारोह में शहीद आशीष कुमार की रेजिमेंट 19 ग्रेनेडियर बटालियन से आए सैनिकों ने पूरे गर्व के साथ दुल्हन को बैंक एफडी और प्रशस्ति पत्र भेंट किया। वहीं भूतपूर्व सैनिक संगठन ने शगुन और स्मृति चिन्ह देकर परिवार को यह भरोसा दिलाया कि सेना का भाईचारा केवल ड्यूटी तक सीमित नहीं बल्कि जीवनभर कायम रहता है। इस सम्मान ने हर किसी की आंखों को नम कर दिया। विवाह के बाद सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों ने परंपरा निभाते हुए दुल्हन को उसके ससुराल तक पहुंचाया और भाई की भूमिका का निर्वहन किया। इस संवेदनशील पहल ने समारोह में उपस्थित हर व्यक्ति को भावुक कर दिया और यह संदेश दिया कि भारतीय सेना न केवल मोर्चे पर देश की रक्षा करती है, बल्कि अपने शहीद साथियों के परिवारों की देखभाल भी करती है।
गौरतलब है कि आशीष कुमार 19 ग्रेनेडियर बटालियन के तहत अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे। 27 अगस्त 2024 को “ऑपरेशन अलर्ट” के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया और देश के लिए शहीद हो गए। इस विवाह समारोह ने यह साबित कर दिया कि सैनिकों का बंधन केवल यूनिफॉर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवनभर चलता है। शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदनशीलता ही सच्ची देशभक्ति है।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
