
श्रीनगर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) और फलाह-ए-आम ट्रस्ट (एफएटी) से संबद्ध 215 स्कूलों को अपने नियंत्रण में लेने के आदेश के तुरंत बाद मंत्री सकीना इटू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने उपायुक्तों को स्कूल का नियंत्रण अपने नियंत्रण में लेने के लिए नहीं कहा था।
मंत्री सकीना इटू ने कहा कि उन्होंने अपने आदेश में सुझाव दिया था कि इन स्कूलों की देखरेख आस-पास के सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों द्वारा तीन महीने तक की जाए क्योंकि उनकी प्रबंधन समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया है।
उन्होंने कहा कि लगभग 221 स्कूलों को सीआईडी द्वारा नकारात्मक सत्यापन दिया गया था जबकि इन स्कूलों की प्रबंधन समिति का कार्यकाल भी बहुत पहले ही समाप्त हो चुका था। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों को पंजीकरण में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था और 51,000 से अधिक छात्रों का भविष्य दांव पर था। इसलिए मैंने अपने आदेश में उल्लेख किया था कि इन स्कूलों की देखभाल निकटतम सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों द्वारा की जाए।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा विभाग ने जमात और एफएटी से संबद्ध 215 स्कूलों को अपने नियंत्रण में लेने का आदेश दिया था और उपायुक्तों को इन स्कूलों के प्रबंधन को नियंत्रित करने का निर्देश दिया था। केंद्र ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर के एक राजनीतिक-धार्मिक संगठन जमात-ए-इस्लामी पर उसके आतंकी संबंधों के कारण पाँच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने आदेश दिया है कि जब तक इन स्कूलों को नया पंजीकरण और प्रबंधन निकाय नहीं मिल जाता तब तक निकटतम सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य तीन महीने तक इन स्कूलों की देखभाल करेंगे। उन्होंने दावा किया कि मैंने उन प्रधानाचार्यों की सूची को भी मंजूरी दे दी थी जिन्हें इन स्कूलों की देखभाल करनी थी।
उन्होंने कहा कि उन्होंने उपायुक्तों (डीसी) को इन स्कूलों को अपने नियंत्रण में लेने का कोई निर्देश या आदेश नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि सचिव ने आदेश में ग़लती से लिखा है कि इन स्कूलों को उपायुक्तों को अपने नियंत्रण में लिया जाए। जो आदेश जारी किया गया है, वह बिल्कुल वैसा नहीं है जैसा मैंने लिखा था।
इस बीच पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और हंदवाड़ा के विधायक सज्जाद गनी लोन ने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने स्कूलों को जबरन अपने नियंत्रण में ले लिया है और चुनी हुई सरकार सभी कार्रवाइयों में शामिल है।
उन्होंने कहा कि निर्वाचित सरकार ने आदेश पारित किया है। इस सरकार में शर्म और बेशर्मी ने नए अर्थ ग्रहण कर लिए हैं। वह दासता के नए मानक स्थापित कर रहे हैं। और बस उन उपदेशों और आदेशों को याद करें जो इस पार्टी ने अपने विरोधियों के खिलाफ पारित किए थे। किसी भ्रम में न रहें। यह निर्वाचित सरकार सभी कार्यों में भागीदार है। चाहे वह डाक भेजना हो या कर्मचारियों की बर्खास्तगी, वह समान भागीदार हैं।
वह अतीत में भी समान भागीदार रहे हैं और वह भविष्य में भी समान भागीदार रहेंगे। यह ए टीम है। यह हमेशा ए टीम थी।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
