Haryana

झज्जर में जजपा नेताओं ने मंडी में अव्यवस्था पर किया प्रदर्शन

अनाज मंडी झज्जर में संजय दलाल के नेतृत्व में प्रदर्शन करते जजपा के कार्यकर्ता।

-मंडी के आढ़तियों ने जेजेपी के प्रदर्शन को बताया घड़ियाली आंसू

झज्जर, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मंडियों में किसानों से बाजरे की सारी फसल खरीदने की मांग को लेकर जेजेपी के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को झज्जर मंडी में प्रदर्शन किया तो तो मंडी के कई आढ़तियों और किसानों ने ही प्रदर्शनकारियों को खरी खोटी सुना डाली। जजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं ने अनाज मंडी झज्जर में फसल खरीद व्यवस्था का जायजा लिया और बाद में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यहां प्रदर्शन में जेजेपी सुप्रीमो अजय सिंह चौटाला को आना था, लेकिन किसी कारणवश वह यहां पर नहीं आए। उनकी गैरमौजूदगी में जेजेपी कार्यकर्ताओं ने झज्जर मंडी पहुंच कर सरकार की कार्यशैली के खिलाफ न सिर्फ उंगली उठाई बल्कि सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। पार्टी के उपाध्यक्ष राकेश जाखड़ व जिलाध्यक्ष संजय दलाल ने सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। संजय दलाल ने कहा कि हरियाणा के इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ हो कि किसान की फसल का एक भी दाना किसी राज में खरीदा गया हो। एमएसपी की बात हरियाणा सरकार करती है। लेकिन आज किसान इस क्षेत्र में अपनी बाजरे की फसल को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर है। सरकार इस भावान्तर भरपाई योजना का किसान को लाभ दे भी देती है तो उसके बावजूद भी किसान को 300 रूपये प्रति क्विंटल का नुकसान हर हाल में होकर रहेगा। दीपेन्द्र हुड्डा द्वारा जेजेपी को भाजपा की गैंग का सदस्य बताने के सवाल पर संजय दलाल ने कहा कि आज हरियाणा में यदि किसान की दुर्दशा के लिए कोई जिम्मेवार है तो वह दीपेन्द्र हुड्डा और उसके पिता भूपेन्द्र हुड्डा की जोड़ी है। मंडियों में फसल की बिक्री न होने से जहां किसान बुरी तरह से परेशान है वहीं बापू-बेटे में से एक भी किसानों की सुध लेने नहीं पहुंचा है।

अनाज मंडी में उस समय माहौल गरमा गया, जब फसल खरीद की समीक्षा करने पहुंचे जननायक जनता पार्टी के नेताओं को आढ़तियों और किसानों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। गुस्साए आढ़तियों ने जेजेपी नेताओं को घेर लिया और भाजपा के साथ सत्ता में रहकर किसानों के हितों की अनदेखी करने के आरोप लगाए। मंडी में उपस्थित आढ़तियों ने कहा कि जो जेजेपी नेता पहले भाजपा को किसान विरोधी बताते थे, वही सरकार में शामिल होकर मौन साधे रहे और मलाई खाते रहे। किसानों और आढ़तियों ने जेजेपी कार्यकर्ताओं के मंडी में प्रदर्शन को घड़ियाली आंसुओं का ड्रामा बताया। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने तीखा सवाल उठाया की जब दिल्ली बॉर्डर पर किसान सड़कों पर ठिठुर रहे थे तब जेजेपी नेताओं की आवाज़ क्यों नहीं उठी।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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