Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर में एक दशक में चरम मौसम ने ली 552 जाने

श्रीनगर, 19 अगस्त हि.स.। मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में एक दशक से भी अधिक समय में चरम मौसम की घटनाओं (ईडब्ल्यूई) के कारण 552 मौतें दर्ज की गई हैं जिनमें भारी बर्फबारी के कारण 182 मौतें सबसे ऊपर हैं जबकि 2010 से 2022 तक अचानक आई बाढ़ के कारण 119 मौतें हुई हैं।

आंकड़ों के अनुसार इस अवधि के दौरान 1942 बिजली गिरने की घटनाएं दर्ज की गईं जिनमें 42 लोगों की जान गई।

आँकड़ों के अनुसार भारी बर्फबारी के कारण सबसे ज़्यादा 182 मौतें हुई हैं और एक दशक से भी ज़्यादा समय में ऐसी 42 घटनाएँ हुई हैं। अचानक आई बाढ़ में 119 मौतें हुई हैं जबकि 2010 से 2022 तक ऐसी 168 घटनाएँ हुई हैं।

आँकड़ों से पता चलता है कि इस दौरान 31 तूफ़ान की घटनाओं में 20 मौतें हुईं जबकि 186 भूस्खलन की घटनाओं में 71 लोगों की जान गई।

लू के कारण किसी की मौत की सूचना नहीं है। हालाँकि जम्मू-कश्मीर में अब तक 37 शीत लहर की घटनाओं में सात लोगों की जान जा चुकी है।

आंकड़ों से पता चला है कि इस क्षेत्र में कुल 409 भारी वर्षा की घटनाएँ दर्ज की गईं जिनमें 111 लोगों की जान चली गई।

कुपवाड़ा में सबसे ज़्यादा लगभग 60 लोगों की मौत हुई है, उसके बाद किश्तवाड़ में लगभग 50 लोगों की मौत हुई है। सांबा में सबसे कम 5 से कम मौतें हुई हैं।

इस अवधि के दौरान श्रीनगर में चरम मौसम की घटनाओं में लगभग 20 मौतें दर्ज की गई हैं।

गौरतलब है कि पिछले एक हफ़्ते में जम्मू क्षेत्र में बादल फटने से लगातार बाढ़ आई है। किश्तवाड़ और कठुआ के गाँवों में 60 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई जबकि 30 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता हैं।

लापता लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान लगातार छठे दिन भी जारी है।

(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता

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