Madhya Pradesh

जबलपुर में राजस्व की टीम एवं पुलिस के सामने सीमांकन के नाम पर लाडली बहनों की बेरहमी से पिटाई,कपड़े फाड़े

जबलपुर में राजस्व की टीम एवं पुलिस के सामने सीमांकन के नाम पर लाडली बहनों की बेरहमी से पिटाई,कपड़े फाड़े

जबलपुर, 21 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में ग्वारीघाट थाना अंतर्गत नर्मदा नगर में सीमांकन के नाम पर पहुंची राजस्व की टीम एवं थाने की पुलिस के सामने दबंगों ने एक मां एवं उसकी चार बेटियों को न केवल बेरहमी से पीटा बल्कि उनके कपड़े भी फाड़ दिए तथा अश्लील शब्द कहने का मामला सामने आया है। और यह सब समाज की रक्षक कही जाने वाली उस पुलिस के सामने हुआ जो महिला सुरक्षा के दावों के साथ ऊर्जा डेस्क जैसी योजनाएं फलीभूत करती हैं।

दरअसल, विगत दिवस तहसीलदार के आदेश पर सीमांकन के लिए पटवारी को साथ लेकर कुछ लोग नर्मदा नगर स्थित एक मकान में पहुंचे। जहां पिछले 40 वर्ष से एक महिला अपनी चार पुत्रियां के साथ निवास करती है। पति के देहांत के बाद इस मकान में भू माफिया की नजर लग गई। उनको बेदखल करने के लिए पूर्व में भी प्रयास कर चुके हैं। मौके पर पहुंची राजस्व की टीम एवं पुलिस ने न तो महिलाओं को कोई नोटिस दिखाया न ही कोई आदेश दिखाया, परंतु टीम के साथ गए दबंगों ने सीधे उन महिलाओं पर हमला कर दिया। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि उन गुंडो ने बीमार मां को मारा उसके बाद हम लोगों को डंडों से जमकर पीटा। इतना ही नहीं महिलाओं की अस्मत को लेकर अश्लील कमेंट्स भी किये और वह भी पुलिस के सामने।

वहीं, इस मामले में वीडियो में दिख रही महिला सब इंस्पेक्टर परिणीता ने बताया कि वह अपने किसी अन्य काम से वहां से निकल रही थी परंतु महिलाओं की आवाज सुनकर वह घटनास्थल पर पहुंची एवं उन्होंने बीच बचाव करने का प्रयास किया। पुलिस के सामने अपनी पिटाई होते देख उनमें से एक बेटी ने मीडिया कर्मियों को फोन लगा दिया। मीडिया कर्मियों ने पुलिस अधीक्षक को घटना की सूचना दी। उनके आदेश के बाद थाना प्रभारी से लेकर क्षेत्रीय चौकी प्रभारी सहित पुलिस बल सक्रिय हो गया।

घटना की जानकारी क्षेत्रीय सीएसपी एमडी नागोटिया को होने पर उन्होंने निष्पक्ष कार्रवाई करवाने का पीड़ित महिलाओं को आश्वासन दिया एवं पुलिस की कार्रवाई पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बावजूद दोपहर 3:30 बजे हुए घटनाक्रम की एफआईआर दर्ज करने के नाम पर महिलाओं को रात्रि 11:15 तक रोका गया।

इस मामले में अधिवक्ता विवेक तिवारी के अनुसार महिलाओं के साथ हुई मारपीट एवं अश्लीलता को लेकर जो एफआईआर की गई है उसमें जो धाराएं लगाई हैं वे अपूर्ण हैं। इसमें नियम के अनुसार गृह अतिचार की धारा एवं बलवा की धारा जोड़ना थी। क्योंकि पीड़ित महिलाओं का स्पष्ट कहना है कि आरोपित दबंगों कि संख्या ने न केवल उनके साथ मारपीट कर कपड़े फाड़े, बल्कि घर में घुसकर उनके ट्यूबलाइट सहित अन्य सामान तोड़ दिए। महिलाओं का कहना है यदि सीमांकन करने के लिए आए थे तो किसी प्रकार की सूचना देते। जब घटनाक्रम हुआ तो उस समय महिलाएं घर पर अकेली थीं। इसके बाद 25 से 30 लोगों ने हाथों में लाठी लिए सीधे उनके घर पर हमला कर दिया।

अब उक्त घटनाक्रम में महिलाओं के साथ हुई मारपीट के वीडियो घटना की भयावता की स्पष्ट कहानी कह रहे हैं। इन पीड़ित एवं लाचार मां बेटियों के साथ जो घटनाक्रम हुआ है वह किसी फिल्मी सीन से कम नहीं है। वहीं टीम में आए पटवारी का कहना है कि चूँकि पीड़ित पक्ष कब्जेदार दर्शाया गया है इसीलिए उन्हें किसी प्रकार की सूचना एवं नोटिस नहीं दिया जाता है। जब पटवारी से यह पूछा गया कि जिस घर में महिलाएं अकेली हों क्या उस घर में भी राजस्व की टीम से पहले गुंडे घुस जाते हैं, क्या मां बेटियों पर हमला आपके सामने हुआ। तो उन्होंने दबी जबान से स्वीकार किया की हां मुझको मौका ही नहीं मिला, लोग पहले ही घर में घुस गए।

वहीं दूसरे पक्ष की तरफ से भी लोगों ने मां-बेटियों पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने भी हमला किया है एवं अपने कुत्ते से कटवाया है। पुलिस ने मामला जांच में लिया है।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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