Madhya Pradesh

इंदौर संभाग में कृषि के साथ उद्यानिकी, मत्स्य, पशु पालन सहित प्रसंस्करण में लक्ष्य पूर्ति की अपार संभावनाएं: संभागायुक्त

एक दिवसीय संयुक्त कार्यशाला

– मप्र 9272 करोड़ और इंदौर संभाग 1245 करोड़ रुपये की स्वीकृति देकर कृषि अवसंरचना में प्रथम स्थान पर

इंदौर, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारत सरकार की कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) योजना के विभिन्न प्रावधानों और इसको किसानों सहित कृषिगत कार्यों से जुड़ें नागरिकों तक पहुँचाने के लिए शुक्रवार को जालसभा गृह में एक दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें कृषकों, व्यापारियों, उद्यमियों सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों को इन योजनाओं की मुख्य विशेषताएँ जैसे फसलोपरांत प्रबंधन एवं सामुदायिक खेती संबंधित परियोजना की जानकारी मंडी बोर्ड भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दी गई। इस एक दिवसीय कार्यशाला में इंदौर संभाग के सभी जिलों इंदौर, धार, खण्डवा, बुरहानपुर, खरगोन, झाबुआ, बड़वानी एवं अलीराजपुर के व्यापारी, कर्मचारी एवं अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि संभागायुक्त दीपक सिंह ने एआईएफ योजना की सराहना करते हुए सभी प्रतिभागियों को आह्वान किया कि वे इस महत्वपूर्ण अवसर का लाभ उठायें। संभागायुक्त सिंह ने इंदौर संभाग को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लक्ष्य दिसम्बर 2025 तक प्राप्ति करने के लिए सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। साथ ही मार्च 2026 तक अतिरिक्त लक्ष्य पूर्ण करने के लिए कहा गया। संभागायुक्त ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इंदौर संभाग में कृषि के साथ-साथ उद्यानिकी, मत्स्य, पशु पालन और प्रसंस्करण की अपार संभावनाएं है। देश में कृषि अवसंरचना सुधार के क्रम में वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) योजना का संचालन किया जा रहा है। जिसमें एक लाख करोड़ रुपये का भारत सरकार द्वारा कोष सृजित किया गया है। योजना में बैंकों से ऋण लेने पर राशि रुपये दो करोड़ तक योजना स्वीकृत होने पर 3% प्रति वर्ष की ब्याज की छूट हितग्राही को उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों से व्यक्तिगत रुप से चर्चा की। साथ ही इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए प्रेरित भी किया।

उप संचालक-एआईएफ डॉ. पूजा सिंह द्वारा पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना पर विस्तृत चर्चा की गई जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त योजना के तहत वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग चेंबर, प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट, दाल मिल, फ्लोर मिल, आटा मिल, कस्टम हायरिंग सेंटर, मसाला उद्योग, बांस प्रोसेसिंग उद्योग इत्यादि में AIF योजना का लाभ ले सकते हैं। AIF पोर्टल का तकनीकी प्रशिक्षण कृषि नोडल-एआईएफ गोविंद प्रसाद शर्मा द्वारा दिया गया। कार्यशाला में हितग्राहियों को हर संभव सहायता मुहैया कराना और इससे लाभान्वित होने का आह्वान किया। AIF योजना में अभी तक इंदौर संभाग में 1895 आवेदनों में 1245 करोड़ रुपये तथा प्रदेश में 14 हजार 503 आवेदनों में 9272 करोड़ रुपये की राशि बैंकों द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है जिससे म.प्र. देश में प्रथम स्थान पर हैं।

कार्यशाला में इंदौर मंडी बोर्ड की उप संचालक प्रवीणा चौधरी, सहायक उपनिरीक्षक आदित्य राज सिंह चौहान, मंडी बोर्ड की सहायक उपनिरीक्षक सुरभि तिवारी, सहायक उपनिरीक्षक राहुल कुमार देवहारे तथा बड़ी संख्या में इंदौर संभाग के समस्त जिलों क्रमशः इंदौर, धार, खण्डवा, बुरहानपुर, खरगौन, झाबुआ, बड़वानी एवं अलीराजपुर के कृषकों, व्यापारियों, उद्यमियों, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, नाबार्ड‚ बैंक व मंडी समितियों के सचिव एवं कर्मचारी, मीडिया के साथी सहित किसान एवं व्यापारी प्रतिनिधि कार्यशाला में सम्मिलित हुए।

(Udaipur Kiran) तोमर

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