
शिमला, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराधियों की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं और आम लोग इनके निशाने पर आ रहे हैं। बीते सप्ताह 19 जुलाई से 25 जुलाई तक राज्य के अलग-अलग इलाकों से साइबर अपराध नियंत्रण केंद्र CY-Station¹ Data Centre के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कुल 3,950 कॉल प्राप्त हुईं। इनमें सबसे अधिक मामले फाइनेंसियल फ्रॉड यानी ऑनलाइन ठगी से जुड़े रहे, जिसने लोगों की मेहनत की कमाई पर सीधा असर डाला।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राज्य गुप्तचर विभाग साइबर क्राइम हिमाचल प्रदेश दिनेश कुमार ने सोमवार को बताया कि इस दौरान आई कुल शिकायतों में से 335 गंभीर मामलों को तुरंत NCRP पोर्टल पर अपलोड किया गया। इन मामलों में करीब 1 करोड़ 94 लाख 64 हजार 718 रुपये की ठगी की राशि शामिल थी। साइबर क्राइम शाखा की सतर्कता से करीब 55 लाख 51 हजार 900 रुपये की रकम को तुरंत अपराधियों के खातों में होल्ड करवा लिया गया। वहीं, बाकी रकम को भी रोकने के लिए पूरी कोशिशें की जा रही हैं ताकि लोगों को आर्थिक नुकसान कम से कम हो।
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जारी की एडवाइजरी
साइबर अपराध शाखा ने जनता को जागरूक और सतर्क रहने की सलाह दी है और इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम दिनेश शर्मा ने ऑनलाइन सुरक्षा के लिए दस महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं। इनमें किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें, ओटीपी और लॉगिन डिटेल्स किसी से साझा न करें, फायरवॉल या एंटीवायरस को बंद न करें, सॉफ्टवेयर अपडेट को नज़रअंदाज़ न करें, पुराने ब्राउज़र का इस्तेमाल न करें, ऑनलाइन संवेदनशील जानकारी न दें, असुरक्षित वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग न करें, संदिग्ध वेबसाइटों से दूर रहें और कमजोर पासवर्ड न रखें, शामिल हैं।
उनका कहना है कि सतर्कता ही साइबर अपराध से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। अगर किसी को ऑनलाइन ठगी या संदिग्ध कॉल, मैसेज या लिंक का सामना करना पड़े, तो तुरंत राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर सूचना दें। समय रहते दी गई जानकारी से धोखाधड़ी की रकम को होल्ड कर बचाया जा सकता है और अपराधियों को पकड़ने में भी मदद मिलती है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
