धर्मशाला, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । धर्मशाला में पुश्तैनी कब्जों को नियमित करने की मांग को लेकर जनता सड़कों पर उतर आई है। मंगलवार को प्रभावित लोगों ने दाड़ी से लेकर कचहरी अड्डा तक पुश्तैनी कब्जों से बेदखल न करने और इन्हें नियमित किए जाने की मांग को लेकर रैली निकाली। साथ ही सरकारों के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। वहीं, उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजे। इन ज्ञापनों में हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश से उत्पन्न परिस्थितियों में प्रदेश सरकार एक ठोस नीति बनाकर वर्षों से बसे लोगों को मानवीय राहत प्रदान करने और इन कब्जों का नियमितीकरण करके प्रभावित परिवारों को मालिकाना हक़ प्रदान करने की मांग की गई है। अन्यथा प्रभावित परिवारों के लिए वैकल्पिक पुनर्वास योजना तत्काल लागू की जाए। पुनर्वास अथवा नियमितीकरण की प्रक्रिया न्यायसंगत, पारदर्शी एवं संवेदनशील हो। सरकार यह भी सुनिश्चित करे कि कोई भी परिवार बेघर अथवा बेरोजगार न हो।
ज्ञापन में यह भी साफ किया गया है कि पांच अगस्त, 2025 को उच्च न्यायालय शिमला ने भूमि राजस्व अधिनियम 163-ए के प्रावधान को असंवैधानिक करार देकर रद्द कर दिया और सरकारी भूमि पर बने मकानों व दुकानों को अवैध अतिक्रमण मानकर बेदखली की कार्रवाई का आदेश दिया। यह आदेश हजारों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को बेघर करने की स्थिति पैदा कर रहा है। साथ ही हिमाचल की वस्तुस्थिति भी साफ की गई है।
प्रभावितों के हक की लड़ी जाएगी लड़ाई : सुधीर शर्मा
उधर मंगलवार को निकाली गई रैली में धर्मशाला के विधायक एवं भाजपा नेता सुधीर शर्मा, पूर्व विधायक अरुण मेहरा भी शामिल हुए। रैली को संबोधित करते हुए सुधीर शर्मा ने लोगों को आश्वस्त किया कि भाजपा उनके हक की लड़ाई लड़ेगी। इसके लिए भाजपा ने पदाधिकारियों की एक टीम भी गठित की है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह कोई राजनीति नहीं बल्कि गरीब परिवारों के हकों की लड़ाई है इसलिए इसमें कांग्रेसी नेता भी आगे आएं।
(Udaipur Kiran) / सतेंद्र धलारिया
